Blue Sapphire: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है, और इनमें नीलम रत्न को सबसे प्रभावशाली और रहस्यमयी माना गया है. यह रत्न शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे कर्म और न्याय का देवता कहा गया है. नीलम रत्न केवल एक आभूषण नहीं, बल्कि शनि देव का आशीर्वाद भी है. अगर इसे सही समय पर, सही तरीके से अपनाया जाए, तो यह आपके भाग्य की दिशा मोड़ सकता है. माना जाता है कि नीलम रत्न यदि सही व्यक्ति द्वारा सही समय पर पहना जाए, तो वह जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकता है.

इन राशियों के लिए विशेष लाभकारी
विशेषज्ञों के अनुसार, मकर, कुंभ और तुला राशि के जातकों के लिए नीलम रत्न विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है. जिन लोगों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में हो या योगकारक ग्रह के रूप में हो, उनके लिए यह रत्न जीवन में स्थायित्व और समृद्धि ला सकता है. वहीं जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो, उनके लिए भी यह रत्न उपयोगी हो सकता है — बशर्ते यह प्रयोग सतर्कता से किया जाए.
कब करे धारण
नीलम को शनिवार के दिन, चांदी या पंचधातु की अंगूठी में, मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए. इसे धारण करते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप 108 बार करना शुभ माना जाता है. हालांकि यह रत्न वरदान बन सकता है, परंतु इसकी तेज़ प्रकृति को देखते हुए इसे बिना ज्योतिषीय परामर्श के पहनना जोखिम भरा हो सकता है. यही वजह है कि अनुभवी ज्योतिषाचार्य पहले नीलम की एक-दो दिन की परीक्षा (ट्रायल) पहनने की सलाह देते हैं.
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