शब्बीर अहमद, भोपाल। जलकुंभी जिस नदी या तालाब में पाई जाती है, माना जाता है वो नदी और तालाब प्रदूषित है। लेकिन अब इन्हीं जलकुंभी से बनी चीजों से घर की खूबसूरती बढ़ाएंगे। जेल में बंद महिला कैदियों ने पानी खराब करनी वाली जलकुंभी से पर्स, फाइल, होल्डर, बाटल, कवर, टोकनी, चटाई आदि बनाई गई है। इसे लेकर अब उन्हें सम्मानित भी किया गया।

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अपराध की दुनिया में जिन हाथों से वारदातों को इन कैदियों ने अंजाम दिया। आज उन्हीं हाथों से घरों की शोभा बढ़ाने वाली चीजें महिला कैदियों द्वारा बनाई जा रही है। मध्यप्रदेश के कई जिलों में ये प्रशिक्षण करवाया जाएगा इसकी शुरुआत भोपाल के केंद्रीय जेल से की गई। महिला आयोग की सदस्य और जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि, यहां 42 महिला बंदियों को जलकुंभी से अलग-अलग तरह की चीजें बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। महाराष्ट्र की एक गैर सरकारी संस्था के मदद से 15 दिन का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। जिसमें सीखाया और बताया गया किस तरह से जलकुंभी से अलग-अलग सामग्री बनाई जाती है।

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महिला कैदियों द्वारा तैयार की गई सामग्री को आनलाइन भी बेची जाएंगी। इसके साथ ही पुरानी जेल के बाहर कान्हा इंपोरियम में भी इसे बेचने के लिए रखा जाएगा। इससे पहले भोपाल केन्द्रीय जेल के जेलर के प्रयासों से जेल बाहर पेट्रोल पंप भी खोला गया है। जिसका संचालन जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी करते है इसके बदले में उनकों सैलरी भी दी जाती है। उज्जैन और जबलपुर के केंद्रीय जेल में बंदी एलईडी बल्ब भी बना रहे हैं। अब इनका उत्पादन इतना हो रहा है कि, अन्य जेलों के अतिरिक्त दूसरे सरकारी विभागों में भी आपूर्ति की जाएगी। साथ ही अन्य केंद्रीय जेलों में भी उत्पादन किया जाएगा। आइटीआई कर चुके कैदी यह काम कर रहे हैं।

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