अजय नीमा, उज्जैन। आज के युग में भी मध्यप्रदेश के उज्जैन में आस्था और परंपरा के नाम पर खतरों का खेल चल रहा है। यहां लोग खुद को गायों के पैर तले रौंदवाते हैं और वो भी खुशी खुशी। दीपावली के दूसरे दिन खतरों का यह खेल होता है। लोगों की मान्यता है कि गाय के पैरों (खुर) से खुद को रौंदवाने से साल भर घर में सुख समृद्धि आती है।
उज्जैन से करीब 70 किलोमीटर दूर भीड़ावद गांव में ऐसी परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसे सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। चार हजार की आबादी वाले इस गांव में दीपावली के दूसरे दिन दर्जनों लोग मन्नत लेकर आते हैं और जमीन पर लेट जाते हैं। फिर उनके ऊपर गाय छोड़ दी जाती हैं। दर्जनों गाय जमीन पर लेटे लोगों के ऊपर से गुजर जाती हैं। इस मंजर को देखने के लिए हर साल इस गांव में हजारों लोग जमा होते हैं। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। इसे रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है।
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