NEWS TODAY : संजीव शर्मा, कोंडागांव. छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के ग्राम आलोर में माता लिंगेश्वरी का मंदिर है, जो साल में एक बार दर्शन के लिए ही खुलता है. इसे 1 दिन का मंदिर भी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां आकर माथा टेक कर माता से प्रार्थना करने पर मां उनकी सूनी गोद संतान से भर देती है. यही वजह है कि यहां देश-विदेश से भक्त पहुंचकर माता से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगते हैं. इस साल मां लिंगेश्वरी का दरबार बुधवार को खुला, जहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे थे.

मां लिंगेश्वरी मंदिर का पट श्रद्धालुओं के लिए आज एक दिन के लिए खोला गया, जहां माता के दर्शन के लिए भक्तों की लगभग 1 किलोमीटर की लंबी लाइन लगी रही. एक दिन पहले रात से ही माता के दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगनी शुरु हो गई थी. माता लिंगेश्वरी को एक विशेष प्रसाद चढ़ाया जाता है. बताया जाता है कि माता लिंगेश्वरी को खीरे का प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे पति-पत्नी प्रसाद स्वरूप लेते हैं. बराबर भागों में बांटकर एक दूसरे के साथ खाते हैं तो संतान प्राप्ति होती है.

यह मंदिर एक विशाल पत्थर के नीचे ही एक गुफा पर है, जहां शिवलिंग भी है. लेटकर ही अंदर प्रवेश किया जा सकता है. गुफा के अंदर दो से तीन व्यक्ति बैठकर पूजा करते हैं. श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने की वजह से अंदर किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाता. बाहर से ही दर्शन कर उन्हें प्रसाद दिया जाता है, क्योंकि सूर्य डूबने से पहले ही पट को फिर सालभर के लिए बंद कर दिया जाता है, यहां दर्शन करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाती है.

यह मंदिर हमेशा भादो पक्ष के दिन बुधवार को ही खोला जाता है. अब तक हजारों श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी हो चुकी है, जो यह समिति के रजिस्टर पर अपना नाम पता भी दर्ज करवा जाते हैं. मन्नते पूरी होने पर माता को चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. कई लोगों का कहना है कि डाक्टरों से थक हारकर माता के दरबार में आते हैं तो माता रानी हमारी मन्नते मान लेती हैं.

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