नई दिल्ली . दिल्ली के रामलीला मैदान में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए गारंटी कानून, 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टर पर रोक न लगाने, बारिश से हुई फसल बर्बादी पर मुआवजे जैसी प्रमुख मांगों को लेकर किसानों ने महापंचायत की. किसान नेताओं ने कहा कि जमीन बचाने के लिए आंदोलन जरूरी है.

भीड़ के प्रबंधन के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी अनधिकृत व्यक्ति आयोजन स्थल में प्रवेश नहीं करे तथा कानून व्यवस्था का पालन हो. दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा जारी परामर्श के अनुसार, महापंचायत में 15,000-20,000 लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है.

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुलाई गई महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी समेत तमाम राज्यों के किसानों ने हिस्सा लिया. महापंचायत के बीच करीब दो साल से बंद किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता का दरवाजा खुला. 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने कृषि भवन में जाकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और अधिकारियों के साथ वार्ता की और अपनी मांगों को उठाया.

मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, केंद्र को नौ दिसंबर, 2021 को हमें दिए गए आश्वासन को निश्चित रूप से पूरा करना चाहिए और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए. मोर्चा ने अब हटाए जा चुके केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक आंदोलन का नेतृत्व किया था.