मनेंद्र पटेल, दुर्ग. जिले में 400 केवी विद्युत ट्रांसमिशन टावर परियोजना को लेकर किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को हजारों की संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और राज्य सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया और प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि उचित मुआवजा नहीं मिला तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं प्रदर्शन के दौरान एक किसान नेता ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की, जिसे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोक लिया।

बता दें कि मेड़ेसरा पावर ग्रिड से धमतरी जिले के कुरूद तक लगाए जा रहे इन टावरों से लगभग 19 गांवों के करीब 1500 से अधिक किसान प्रभावित हैं। किसानों का कहना है कि शासन की ओर से 10 मार्च 2025 को जारी आदेश के अनुसार टावर बेस की भूमि के लिए 200 प्रतिशत और तारों के नीचे की भूमि के लिए 30 प्रतिशत मुआवजा दिया जाना चाहिए था, लेकिन प्रशासन ने इस आदेश का पालन नहीं किया।

कई महीने से लगा रहे चक्कर पर अब तक नहीं हुआ समस्या का समाधान

किसानों का आरोप है कि उन्हें टावर बेस की भूमि के लिए केवल 80 प्रतिशत और तारों के नीचे की भूमि के लिए 15 प्रतिशत मुआवजा ही दिया गया है। मुआवजा में हुई इस कटौती से नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान एक किसान नेता ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की, जिसे मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। किसान नेता ढलेश साहू ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से मुआवजे की मांग को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के पास जा चुके हैं, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। यह चौथी बार है, जब वे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे हैं।

शासन को भेजा जाएगा 200 % मुआवजा देने का प्रस्ताव : डिप्टी कलेक्टर

डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव ने बताया कि कुछ गांवों में मुआवजा वितरण किया गया है, लेकिन किसानों की मांग के अनुसार 200 प्रतिशत मुआवजा देने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 2016 का नियम लागू होता है।किसानों की मांगों पर विचार कर रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।