बस्तर. छत्तीसगढ़ के बस्तर में बीते 3 अगस्त को नक्सलियों ने रैली निकाली. अपने शहीदी सप्ताह के आखिरी दिन नक्सली दक्षिण बस्तर के एक गांव में लगभग 10 हजार से अधिक ग्रामीणों के साथ बड़े कैडर के हथियारबंद नक्सली विशाल रैली निकालते नजर आए. यह वीडियो लगातार सोशल मीडिया में वायरल के साथ चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जा रहा है कि इस रैली में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना दोनों ही राज्यों के बड़े कैडर के नक्सली शामिल है.
दरअसल, नक्सली हर साल जुलाइ से अगस्त के बीच अपने मारे गए साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए ये सप्ताह मनाते हैं. हालांकि अब तक बस्तर में इस तरह का आयोजन छोटे लेवल पर ही देखा गया है. लेकिन इस वर्ष नक्सली इतने बड़े जन सैलाब के साथ नजर आ रहे हैं तो ऐसे में पुलिस के दावों पर सवाल उठता है.
रैली में चेतना नाट्य मंडली की टीम गाना गाते हुए रैली में शामिल हुई थी. बस्तर के बीहड़ों में करीब 10 किलोमीटर की रैली में चेतना नाट्य मंडली के क्रांति गीत भी गूंजते नजर आए नक्सलियों के साथ हजारों ग्रामीण भी रैली में शामिल थे. सूत्रों की मानें तो पिछले कई महीनों से बस्तर के जंगलों में नक्सलियों के इस आयोजन की तैयारी चल रही थी. साथ ही बड़े लीडर समेत दक्षिण बस्तर और तेलंगाना राज्य की सीमा के नजदीक एक जगह को नक्सलियों ने चिन्हाकित किया और ग्रामीणों की मदद से एक बड़ा मंच तैयार किया गया. इसके साथ ही नक्सलियों का एक भव्य स्मारक तैयार किया गया जो अब तक का सबसे बड़ा स्मारक बताया जा रहा है.
पुलिस के दावों पर सवाल
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ इन दोनों राज्यों की पुलिस दावा करती है कि नक्सली कुछ हिस्सों में सिमट कर रह गए हैं. दोनों राज्यों के बॉर्डर इलाकों में सुरक्षाबलों के कई कैंप भी खोले गए. गांव-गांव में पुलिस के इंटेलिजेंट्स टीम भी काम करती है, सूचना तंत्र भी मजबूत करने की बात पुलिस कहती है. लेकिन इसके बाद भी आधुनिक हथियारों से लैस नक्सली लीडर समेत कई नक्सली आखिर कैसे राज्यों की सीमा पार कर गए ? इस पर सवाल उठना स्वाभाविक है.
हमारा इंटेलिजेंट्स काफी मजबूत है- बस्तर IG
इधर इस मामले पर बस्तर IG सुंदरराज पी. ने कहा कि हमारा इंटेलिजेंट्स काफी मजबूत है. हमने पिछले कुछ महीनों में ही ऐसी जगहों पर कैंप स्थापित किया है जहां किसी का जाना काफी मुश्किल था. विकास पहुंचाने का काम हम लगातार बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में कर रहे हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. अब ऐसे इलाकों में कोई भी व्यक्ति सातों दिन 24 घंटों में आना-जाना कर सकता है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना के नक्सलियों का बस्तर में जमावड़ा होना आश्चर्य की बात नहीं है. वैसे भी नक्सली बाहर से ही आए हैं. मुठभेड़ में कईयों को ढेर किया है. नक्सली हर साल अपने मारे गए साथियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं. ग्रामीणों पर दबाव बनाते हैं और अपनी सभा में शामिल करते हैं.
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वीडियो- 2
वीडियो- 3
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