कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। जिससे कभी बदल तो कभी बारिश हो रही है। इसी बीच इस बेमौसम बारिश के चलते एक बार फिर से खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों की मेट्रिक टन धान भीग गई। जिससे करीब 46 हजार मेट्रिक टन धान बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गई।

दरअसल, यह वह धान है जो गलत तरीके से खरीदी गई थी। लिहाजा कलेक्टर ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि, उन्होंने पहले ही किसानों से अपील की थी, जिन लोगों ने भी गलत तरीके से अपनी धान तुलवाई है वह अपनी-अपनी धान उठा ले। लेकिन इसके बावजूद किसानों ने अपनी अपनी धान वेयरहाउस के बाहर से नहीं उठाई। यही कारण है की अब बारिश के चलते इतनी सारी धान भीग गई है।

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क्यों सिस्टम में नहीं चढ़ पाई धान
जबलपुर में हुई धान खरीदी में जबरदस्त धांधली सामने आई थी। जिसमें करीब 42 वेयरहाउस में शासन की बिना अनुमति के और मैपिंग के ही धान की खरीदी कर ली गई थी। जिसके बाद शासन ने तमाम वेयरहाउस पर निरीक्षण किया। जिसमें पाया गया था कि इन वेयरहाउस को शासन की तरफ से खरीदी की कोई परमिशन नहीं थी। साथ ही इनके मालिकों ने किसानों को बरगलाकर धान खरीदी कर ली थी। इस धांधली
के बाद शासन ने इन किसानों को वाजिब तुलाई केंद्र पर अपनी अपनी धान ले जाने के लिए कहा था। जिसमें से कुछ किसानों ने वैसा किया भी लेकिन बहुत सारे किसानों को बार-बार हिदायत देने के बाद भी उन्होंने अपनी गलत तरीके से तुलाई धान नहीं उठाई । उसी के तहत 46 हजार मेट्रिक टन-धान आज भी सरकारी सिस्टम में नहीं चढ़ पाई है।

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5 लाख 47 हजार मैट्रिक टन धान का भुगतान
जबलपुर कलेक्टर ने बताया कि इस सीजन में जबलपुर में कुल 5 लाख 47 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। जिसका 1183 करोड़ रुपए का भुगतान होना था। जिसमें से 1163 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। जबकि करीब 2 हजार किसानों का 18 से 19 करोड़ रुपए का भुगतान होना शेष है जिसे जल्दी एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

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