संतोष राजपूत,डोंगरगढ़. धान खरीदी विकासखण्ड डोंगरगढ़ के सोलह सोसायटी में धान खरीदी केंन्द्रों बनाए गए है. केंद्रों में धान खरीदी का कार्य चालू हुए डेढ़ माह हो गए पर धान खरीदी व खरीदे धान का उठाव की समस्या खत्म नहीं हुई थी कि बेमौसम बारिश ने खुले आसमान में रखे धान भीगा दिया है. जिसके कारण लाखों के धान खराब हो रहे है. केंद्रों में अब तक 45 प्रतिशत से कम धान खरीदी हो पाई है पर लगातार हुई बेमौसम बारिश ने केंद्रों में रखे धान ही नहीं, वह किसान जो टोकन के इंतजार में खेत व बाड़ी में रखे धान भी भीग गए है.

इस वर्ष धान का फसल अच्छा होने से किसान खुश नजर आ रहे वहीं अब प्रशासन की अव्यवस्था से किसान धान का टोकन नहीं मिल पाने से परेशान है. अब बेमौसम बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. वहीं लाखों क्विंटल धान को सुरक्षित कर पाना भी कृषि उपज मंडी समिति प्रबन्धकों के लिए टेढ़ी खीर नजर आ रहा है.

सरकारी नियमानुसार खरीदे गए धान का उठाव 72 घंटो में किया जाना है, लेकिन उठाव की धीमी गति होने की वजह से केंद्रों में धान जमा हो गए है जो हुई बारिश में भीग रहे है. ऐसी स्थिति प्रायः सभी केंद्रों का हाल है जहाँ धान खुले में होने की वजह से भीग रहे है. धान के रखरखाव की जिम्मेदारी समिति प्रबन्धकों की बनती है पर धान खरीदी केंद्रों में नजर रख रहे प्रशासनिक अमला भी गैरजिम्मेदार व लापरवाह दिख रहे हैं. ख़ुर्शी तोड़ रहे प्रशासनिक अमले को पिछले हफ्ते हुए बारिश सबक ले लेना चाहिए था और आपात स्थिति से निपटने समुचित व्यवस्था कर लेनी चाहिए था पर बेमौसम बारिश ने अधिकारियों के कार्य करने की मनसा को बता व्यवस्था के दावे की पोल खोलकर रख दिया है. जिसके कारण आज लाखों का धान बारिश में भीगने से खराब होने की स्थिति में पहुंच गया है.

हर वर्ष इस तरह की स्थिति सामने आने के बावजूद प्रशासन समय रहते सुरक्षित धान खरीदने की व्यवस्था क्यों नहीं करता जिस पर सवाल बहुत है पर जवाब हमेशा एक दूसरे पर ठीकरा भोड़ने में खत्म हो जाता है. अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार कितनी तत्परता से कार्य करता है और धान खराब हुए बिना ही समय पर धान खरीदी प्रक्रिया को पूरा कर पाता है.