दिल्ली. अपने भाषण और शैली के लिए मशहूर पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। डॉक्टरों ने सिद्धू की आवाज को खतरा बताया है। राज्य के कई जिले में कांग्रेस का चुनाव प्रचार करते-करते अपनी आवाज खोने की कगार पर पहुंच गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब डॉक्टरों ने उन्हें पांच दिन कंप्लीट रेस्ट की सलाह दी है। बताया जाता है कि डॉक्टरों ने कहा है कि अब यदि अधिक बोला तो उनकी आवाज जा सकती है।
जानकारी के अनुसार उनके खून के कई परीक्षण किए गए हैं और नतीजों का गंभीरता पूर्वक मूल्यांकन किया जा रहा है। सिद्धू संपूर्ण जांच और स्वास्थ्य रिकवरी के लिए एक अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। उन्हें सांस लेने के अभ्यास करवाया जा रहा है। साथ ही, फिजियोथेरेपी के साथ विशेष दवाएं दी जा रही हैं।
बता दें कि सिद्धू पिछले दिनों 17 दिवसीय चुनाव अभियान पर थे। विशेष तौर पर तेलंगाना और राजस्थान में उन्होंने कांग्रेस के समर्थन में कई सभाएं की थीं। उन्होंने 70 से अधिक सार्वजनिक बैठकों में लोगों को संबोधित किया था। उन्होंने मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस के लिए चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान लगातार भाषण देने के कारण उनकी वोकल कॉर्ड्स को काफी नुकसान पहुंचा। मेडिकल हेल्प लेने पर डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि मामला बहुत गंभीर है। वह अपनी आवाज खोने के कगार पर थे। डॉक्टरों ने सिद्धू को तीन से पांच दिन तक पूरा आराम करने का सुझाव दिया है।
वक्ता ने बताया कि लगातार हेलीकॉप्टर और विमान यात्रा करने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। वह पहले ही एंबोलिज्म (धमनी में खून का थक्का जमना या हवा का बुलबुला बनना) के लिए उपचार करवा रहे थे। उन्हें कुछ साल पहले अत्यधिक हवाई यात्रा करने के कारण डीप वेन थ्रोबोसिस (डीवीटी) का सामना करना पड़ा था।
डॉक्टरों के अनुसार, सिद्धू को लिरिंगजाइटिस (गले की बीमारी, वोकल कार्ट) नामक बीमारी हो गई है। इसे लेकर उन्हें पांच दिनों तक एकदम चुप रहने की सलाह डाक्टरों ने दी है। बता दें कि दो सप्ताह से पंजाब व भारत से लेकर पाकिस्तान तक में अपनी तेज तर्रार भाषण शैली तथा अपने सियासी विरोधियों पर कमेंट करने को लेकर सिद्धू सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बिंदु बने हुए हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञ इसे इस रूप में देखते हैं जब शरीर उत्साह से भरा हो और दिमाग तथा शरीर लगातार तेज बोलने को लेकर प्रेरित कर रहा हो और गला आपका साथ न दे तो इसे लिरिंगजाइटिस की बीमारी कहते हैं। यानी शरीर व दिमाग नहीं थका लेकिन गला थक गया। दोनों से बीच तालमेल खराब होने से यह बीमारी होती है।