डाकुओं की धमकी ने गांव में दहशत फैला दी है. रात में ग्रामीण पूरे गांव का चक्कर लगाते हैं. शाम होने से पहले बच्चों को घरों में बंद कर लेते हैं. हालत यह है कि लोग रात में बीमार भी होते हैं तो हॉस्पिटल जाने से बचते हैं.

यह मामला यूपी सीतापुर के गोंडापुरवा का है. महेश का परिवार सबसे ज्यादा खौफ में है, क्योंकि उन्हीं के घर की दीवार में ये धमकी भरा खत चिपका मिला था. पत्र में लिखा गया है कि “मैं डाकुओं का सरदार, गोंडापुरवा वालों तुम कितना जागते रहोगे. दीपावली तक पूरा गांव लूट लेंगे और छोटे बच्चों की किडनी निकाल लेंगे. या इससे पहले पूरे गांव वाले हर-घर से मिलकर 2000 रुपए इकट्ठा कर के गांव के बाहर पेड़ के नीचे डाल आओ. बस इसी में तुम लोगों की भलाई है।” पूरा डाकू गिरोह.

गोंडापुरवा गांव के महेश सुबह 5 बजे खेत में पानी लगाकर वापस लौटे. घर की दीवार पर उन्हें एक कागज चिपका दिखाई दिया. करीब से देखा तो उस पर हिंदी में कुछ पेन से लिखा मिला. महेश ने कागज दीवार से उखाड़ लिया, फिर घर में लेकर चले गए. बेटे ने जब खत के पहले 4 शब्द पढ़ें, तो घरवाले चौंक गए. लिखा था- मैं डाकुओं का सरदार.

महेश को पहले लगा कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने ये मजाक किया है, लेकिन जब खत आगे पढ़ा तो उनके रोंगटे खड़े हो गए. 5वीं लाइन में लिखा था – घर में छोटे बच्चों की किडनी निकाल लेंगे. डाकुओं ने खत में बचने का रास्ता भी बताया है. 54 शब्दों के इस खत में लिखा गया है कि अगर हर घर से 2000 रुपए इकट्ठा कर उन्हें देंगे तो वे कुछ नहीं करेंगे.

महेश की पत्नी कुसमा कहती हैं, जिस दिन से कागज मिला है, घर में कोई ठीक से सोया तक नहीं है. पुलिस भी एक दिन आई थी, उसके बाद से गांव में एक भी सिपाही नहीं दिखा. हमारे यहां 100 रुपए के लाले पड़े हैं, 2000 रुपए कहां से लाएंगे.

हरगांव के थानाध्यक्ष आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया, गोंडापुरवा गांव में धमकी भरा खत मिलने की लगाकर तहकीकात की जा रही है. ये भी खोजा जा रहा है कि खत महज अफवाह तो नहीं है. सभी एंगल से जांच करने के बाद जल्द ही खत को भेजने वालों का पर्दाफाश किया जाएगा.