पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। गरियाबन्द मुख्यालय से 10 किमी के दायरे में 4 घण्टे के भीतर तीन अलग-अलग सड़क हादसों में 37 घायल हो गए, इनमें से 7 को रॉयपुर रेफर किया गया है. इन हादसों ने जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी है. जिला अस्पताल में इमरजेंसी वाहन 108 नहीं होने की वजह से घायलों को निजी साधनों से अस्पताल पहुंचाया गया. इस अव्यवस्था से नाराज नगर पालिका अध्यक्ष के साथ पार्षद जिला अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए.

गरियाबन्द के लिये शुक्रवार दुर्घटनाओं के नाम रहा. सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक अलग-अलग तीन सड़क हादसे हुए. नागाबुड़ा मार्ग पर पिकअप में सवार 25 श्रद्धालुओं से भरी पिकअप सड़क से उतर कर पलट गई. इसमें सभी 25 सवाल घायल हो गए, इनमें से 3 को रायपुर रेफर किया गया है. दूसरा हादसा नेशनल हाइवे में कचना धुरवा मंदिर के पास हुआ, जिसमें बड़ी गाड़ी को साइड देने के चक्कर में स्कार्पियों पलट गई, जिसमें सवार सात लोगों में से 2 गंभीर चोट आई है, जिन्हें रायपुर रेफर किया गया है. इसके अलावा हाइवे पर ही जनपद पंचायत के पास साइकिल सवार व बाइक चालक आपस में टकरा गए. जिसमें दोनों को गंभीर चोट आई है.

तीनों घटना में ग्रामीणों ने घायलों को भर्ती कराने एक के बाद एक करके 108 नम्बर पर कॉल करते रहे, लेकिन वहां से केवल कॉल फारवर्ड करने व कॉल बेक करने की बात कह कर टाल-मटोल करते रहे. इस बात से आक्रोशित होकर नगर पालिका अध्यक्ष गफ्फूर मेमन, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सोनटके समेत आधा से ज्यादा भाजपा पार्षद व कुछ कांग्रेसी नेता जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए.

गफ्फूर ने कहा कि जब तक इमरजेंसी सेवा बहाल नहीं की जाएगी, तब तक धरना जारी रहेगा. इधर धरने की सूचना मिलते ही लगातार समर्थन देने वालों की भीड़ बढ़ते जा रही है. मामले में सीएमएचओ एन के नवरत्न ने कहा कि यंहा के लिए जल्द ही दो नए एम्बुलेंस आने को है. इमरजेंसी सेवा वाले कम्पनी से कहा जा रहा है, तत्काल अभी वैकल्पिक व्यवस्था करे. आपको बता दे कि जिला मुख्य्यालय के अलावा दुरुस्त सीएचसी देवभोग में भी तीन माह से 108 सेवा ठप पड़ा है.