अमित पांडेय, खैरागढ़. वन्य प्राणी संरक्षण के लिए शासन-प्रशासन के साथ ही विभिन्न स्वयंसेवी संगठन भी हमेशा प्रयास करते हैं, लेकिन घने जंगलों में वन विभाग का खानापूर्ति कार्य करने वाला तरीका भी शिकारियों के हौसले बुलंद करता है. इसके चलते आए दिन वन्य प्राणियों की शिकार की घटनाएं सामने आ रही. ताजा मामला वन मंडल खैरागढ़ से आया है, जहां वन विभाग की टीम ने तेंदुए की खाल के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
यह कार्रवाई वन मंडल खैरागढ़ एवं वन मंडल कवर्धा के साथ मिलकर एन्टीपोचिंग टीम उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद ने की है. तीनों आरोपियों को वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के धारा के तहत न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी छुईखदान जिला-खैरागढ़ छत्तीसगढ़ के समक्ष पेश कर जेल भेजा गया.
मिली जानकारी अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर एन्टीपोंचिंग टीम उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय उड़न दस्ता टीम रायपुर, वनमंडल खैरागढ़ एवं परिक्षेत्र रेंगाखार वन मंडल खैरागढ़ के साथ संयुक्त रूप से टीम गठित की गई. टीम ने सामान्य वन मंडल खैरागढ़ के अंतर्गत वन परिक्षेत्र साल्हेवारा के ग्राम कुम्हरवाड़ा-बकरकट्टा मार्ग पर वन्यप्राणी तेंदुआ के खाल का खरीदी बिक्री करने की फिराक में घूम रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. बालाघाट जिले से अमर सिंग साहू, खैरागढ़ से सतिराम बैगा और गैस लाल सिंह को रंगे हाथों पकड़ा. तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के धारा के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी छुईखदान के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद तीनों को उपजेल खैरागढ़ भेज दिया गया.
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