नोएडा . फर्जी कंपनियां बनाकर हजारों करोड़ रुपये का GST फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस ने दिल्ली के तीन कारोबारियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. बीते नौ महीने से तीनों फरार थे और नोएडा पुलिस ने इन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. पुलिस गिरोह के सरगना समेत 41 आरोपियों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़ा मामले में पिछले साल एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. उसने पूछताछ में बताया था कि पंजाबी बाग का एक परिवार 5 सालों से फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहा. जांच में पता चला कि दिल्ली के संजय ढींगरा, कनिका ढींगरा और मयंक ढींगरा ने नौ फर्जी कंपनियां बनाकर 68.15 करोड़ रुपये का लाभ लिया. पुलिस ने तीनों को डीएनडी टोल के पास दबोच लिया.

पैन और आधार का डाटा हासिल कर फर्जी कंपनियां बनाईं

आरोपियों ने देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल कर फर्जी कंपनियां और फर्म बनाए. इस फर्मों और का कंपनियों अस्तित्व महज कागजों पर होता था. आरोपी जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाते थे और जीएसटी रिफंड प्राप्त करते थे. जालसाज फर्जी कंपनियों को GST नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच भी देते थे. इन कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद भी किया जाता था.

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पुलिस से बचने के लिए होटल और शहर बदलते रहे आरोपी

गिरफ्तार मयंक कनिका और संजय का बेटा है. तीनों आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने सात लग्जरी कार, तीन आईफोन, चार मोबाइल फोन, एक टैबलेट और एक लाख 41 हजार रुपये की नकदी बरामद की है. तीनों कारोबारियों की सीबीआई और ईडी ने भी जांच की थी. आरोपी संजय ढींगरा पहले भी जेल जा चुका है. पुलिस से बचने के लिए आरोपी अलग-अलग लग्जरी गाड़ियों से सफर करते थे और लगातार होटल और लोकेशन बदलते रहते थे.

कई अन्य भी निशाने पर

जीएसटी फर्जीवाड़े में कई अन्य कारोबारियों के नाम भी सामने आए हैं. पुलिस ने बीते साल जून में 2600 से अधिक फर्जी कंपनियां खोलकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश किया था. मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक को भी जमानत नहीं मिली है. आरोपियों की तलाश में नोएडा पुलिस की 3 टीमें दबिश दे रही हैं.