छात्राओं के यौन शोषण के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ जांच में बड़ी कार्रवाई हुई है। दिल्ली पुलिस ने उनकी तीन करीबी महिला सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार की गई महिलाओं में श्री शारदा इंस्टीट्यूट की एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर भावना कपिल और सीनियर फैकल्टी काजल शामिल हैं। पूछताछ में इन महिलाओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने चैतन्यानंद के कहने पर छात्राओं पर दबाव बनाया। इन पर अपराध में सहयोग करने, शिकायतकर्ताओं को डराने-धमकाने और सबूत नष्ट करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस इनकी भूमिका की गहन जांच कर रही है और माना जा रहा है कि इनकी गिरफ्तारी से पूरे मामले की जांच में अहम सुराग मिल सकते हैं।

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पुलिस को आरोपी के मोबाइल फोन से कई डिजिटल सबूत मिले हैं। इनमें एक वॉट्सएप ग्रुप के चैट शामिल हैं, जहां वह छात्राओं की तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करता हुआ पाया गया। सूत्रों के मुताबिक, लगातार बढ़ते सबूतों के बावजूद चैतन्यानंद ने अब तक कोई पछतावा नहीं दिखाया है। पुलिस फिलहाल उसके मोबाइल और अन्य जब्त डिजिटल डिवाइस की फॉरेंसिक जांच करा रही है, ताकि आरोपों की पुष्टि के लिए और ठोस सबूत जुटाए जा सकें।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 1 अक्टूबर को जिस कॉलेज में चैतन्यानंद पढ़ाता था, वहां उसके कमरे पर छापेमारी की गई। इस दौरान पुलिस को एक सेक्स टॉय और पांच पोर्न सीडी बरामद हुईं। पुलिस ने बताया कि छापेमारी में अश्लील सामग्री के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के एक अन्य नेता के साथ चैतन्यानंद की कथित रूप से बनाई गई जाली तस्वीरें भी मिलीं। इससे पहले, 30 सितंबर को आरोपी के मोबाइल की जांच के दौरान कई महिलाओं के साथ उसकी चैट सामने आई थी। इन चैट्स में पता चला कि वह महिलाओं को आकर्षित करने के लिए उनसे कई तरह के वादे करता था।

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श्री शारदा इंस्टीट्यूट की 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के फरार रहने के नए तथ्य सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। उस समय वह संस्थान का प्रमुख था। मामले के उजागर होते ही 9 अगस्त को उसे पद से निष्कासित कर दिया गया था। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए चैतन्यानंद लगातार ठिकाने बदलता रहा। वह ऐसे सस्ते होटलों में ठहरता था जहां CCTV कैमरे नहीं लगे थे। इसके अलावा, वह उत्तर प्रदेश के धार्मिक शहरों वृंदावन और मथुरा में भी छिपा रहा।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी के करीबी सहयोगी उसके लिए सुरक्षित होटल चुनते थे ताकि पुलिस की निगाह से बचा जा सके। इस दौरान उसने अपने मोबाइल और डिजिटल गतिविधियों को भी सीमित कर दिया था, लेकिन पुलिस ने तकनीकी जांच के जरिए उसकी लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी जुटाई। 27 सितंबर को आगरा के एक होटल में ठहरा हुआ था। पुलिस ने 28 सितंबर की सुबह करीब 3:30 बजे छापेमारी कर उसे दबोच लिया।

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आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को निशाना बनाया

पुलिस के अनुसार, आरोपी छात्राओं पर दबाव बनाने और उन्हें अपने जाल में फंसाने के लिए कई तरह की रणनीतियां अपनाता था। चैतन्यानंद ने कई छात्राओं को देर रात अपने कमरे में बुलाया और अगर वे उसकी बात नहीं मानतीं, तो कम ग्रेड देने की धमकी दी। इसके अलावा वह व्हाट्सएप पर उन्हें लगातार अश्लील मैसेज भेजता था, जिनमें बेबी”, आई लव यू” और आई अडोर यू” जैसे संदेश शामिल थे। पुलिस ने बताया कि वह छात्राओं की शारीरिक बनावट, बालों और कपड़ों की भी अनुचित तरीके से तारीफ करता था। इतना ही नहीं, उसने कई छात्राओं को विदेश यात्रा का लालच देकर प्रभावित करने की भी कोशिश की।

पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं से पूछताछ की है, जिनमें से 17 ने सीधे तौर पर यौन उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई है। 16 छात्राओं ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं, जो मामले की कानूनी प्रक्रिया में अहम साक्ष्य माने जाएंगे।

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छात्राओं को आशीर्वाद देने के बहाने छूता, घूरता था

एक 29 वर्षीय छात्रा ने पुलिस को दिए बयान में चौंकाने वाला खुलासा किया है। छात्रा के अनुसार, उसने यह संस्थान इसलिए चुना क्योंकि यहां MBA की फीस अन्य कॉलेजों की तुलना में कम थी और 6 लाख रुपये से भी कम में कोर्स पूरा हो रहा था। लेकिन दाखिले के दूसरे ही दिन से उसे माहौल अजीब लगने लगा। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी स्वामी चैतन्यानंद आशीर्वाद देने के बहाने उसे घूरता, मुस्कुराता और छूने की कोशिश करता था। जब छात्रा ने इस व्यवहार की जानकारी अपने सीनियर्स को दी, तो उन्होंने बताया कि कई अन्य छात्राएं इससे भी बदतर हालात झेल चुकी हैं। इससे पीड़िता को समझ आ गया कि यह सिर्फ उसके साथ नहीं बल्कि कई और छात्राओं के साथ हो रहा है।

आरोपी के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2009 में दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में उसके खिलाफ धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 2016 में वसंत कुंज में एक महिला ने उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया।

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संस्थान में करोड़ों की हेराफेरी का आरोप

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पर शारदा इंस्टीट्यूट ट्रस्ट के समानांतर नया ट्रस्ट बनाकर संस्थान की मूल्यवान संपत्ति और फंड्स पर कब्जा करने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने 2010 के बाद नए ट्रस्ट के जरिए लगभग 20 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए, जिससे संस्थान के फंड्स और जमीन पर उसका नियंत्रण बढ़ सके। यह कदम विवादास्पद और अवैध माना जा रहा है और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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