बंगलुरु.कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार के सामने पैदा अस्थिरता का संकट खत्म नहीं हुआ है. कुमारस्वामी की सरकार को गिराने के लिए भाजपा की ओर से चलाए गए कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ के विफल होने के दो दिन बाद आज कांग्रेस पार्टी अपना शक्ति प्रदर्शन करने वाली है. इसके लिए उसने विधायक दल की बैठक बुलाई है, लेकिन उसके तीन विधायक अब भी पकड़ में नहीं आ रहे हैं. ऐसे में भाजपा ने अपने ऑपरेशन को सफल बनाने को लेकर अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है.

कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक उन चर्चाओं को खारिज करने के लिए बुलाई है जिसमें कहा जा रहा है कि उसके कुछ विधायक सात माह पुरानी कुमारस्वामी सरकार को गिराने के लिए भाजपा से हाथ मिला रहे हैं. यह बैठक विधानसौध के अंदर होगी. अगर इस बैठक में कांग्रेस के 10 विधायक नहीं पहुंचते हैं तो यह माना जा सकता है कि भाजपा का ऑपरेशन लोटस अभी जारी है.

कांग्रेस के कुछ नेता विधायक रमेश जराकिलोली, महेश कुमाताली और उमेश जाधव को लेकर संशय में हैं. ये तीनों विधायक अब भी मुंबई में एक होटल में रह रहे हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस से नाराज उसके दो विधायक शिवराम हेब्बर और जेएन गणेश कर्नाटक लौट आए हैं. इन दोनों विधायकों के भी भाजपा के ऑपरेशन में शामिल होने की बात कही गई थी.

गुरुवार को कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख दिनेश गुंदुराव ने कहा कि वह अपने पोते के साथ अंडमान-निकोबार में थे. उन्होंने कहा कि यह यात्रा पूर्वनियोजित थी. इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि जब यह राजनीतिक ड्रामा चल रहा था तब वह प्रदेश से बाहर थे. उन्होंने स्वीकार किया कि वह कांग्रेस के नेतृत्व से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि वह मंत्री नहीं बनाए जाने की वजह से नाराज हैं लेकिन पार्टी के भीतर रहकर इसके लिए लड़ेंगे.

एक दूसरे विधायक गणेश ने कम्पली से कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह मुंबई या कहीं और नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ चिकमंगलुरू में थे. बेल्लारी जिले के बी नागेंद्र ने भी कहा कि वह कांग्रेस के साथ बने हुए हैं. बेल्लारी के ही अनंत सिंह ने इसकी पुष्टि की कि वह विधायक दल की बैठक में शामिल हो रहे हैं. विधायक दल के नेता सिद्दारमैया ने कहा है कि अगर कोई विधायक इस बैठक में नहीं आता है तो उसके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.