चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। पीतल को सोना बताकर अलग-अलग राज्यों में ठगी को अंजाम देने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़े है. इस ठग गिरोह में 2 पुरुष व 1 महिला शामिल हैं. आरोपियों ने भिलाई के एक व्यवसायी निर्मल जैन को शिकार बनाया था. उससे 5 लाख की ठगी की थी.
व्यवसायी ने जब इस ठगी की शिकायत थाने में की तो पुलिस ने टीम बनाकर इसकी खोजबीन शुरू की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन की जानकारी जुटाकर तफ्तीश की गई. इस दौरान सूचना मिली कि चरोदा के आसपास ऐसा ही कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ निवासरत है जो कि संदिग्ध माना जा रहा है. पुलिस ने गिरोह के सदस्य ईश्वर सोलंकी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया.
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि निर्मल जैन की दुकान में ये कटिंग प्लायर खरीदने पहुंचे थे. पैसे देने के दौरान उन्होंने जेब से चांदी का सिक्का गिराया और पैसे कम होने की बात कही. इसके बाद बचे पैसे के स्थान पर चांदी का सिक्का रखने की बात कही. फिर लालच दिया कि मेरे पास ऐसे बहुत सारे सिक्के और सोने के पुराने जेवरात है. जिससे व्यवसायी लालच में आ गया. इसके बाद आरोपियों ने व्यवसायी से लगातार संपर्क बनाए रखे और अपने साथियों के साथ मिलकर 5 लाख में ठगी की वारदात को अंजाम दिया.
आरोपियों ने बताया कि वो पीतल के जेवरात की माला आगरा से बनवाते थे और जेवरात के बीच में असली सोने के दाने को उंगली में फंसाकर रखते थे. आरोपियों के चुंगल में फंसे व्यक्ति को पीतल की माला के किसी भाग को काटकर जांच कराने को कहते. वहीं माला तोड़ते समय उंगली से असली सोने का दाना निकालकर उसकी जांच करा देते थे. पीड़ित को विश्वास होने पर नकली माल पकड़ा कर चंपत हो जाते थे. इस तरह ठगों ने विशाखापटनम, ओडिशा, आगरा, उत्तरप्रदेश समेत छत्तीसगढ़ में ठगी की 15 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया है. फिलहाल सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.