नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने तीन मजदूर को कथित तौर पर फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर संसद परिसर में घुसने की कोशिश करने पर गिरफ्तार किया गया है. मजदूरों की पहचान कासिम, मोनिस और शोएब के रूप में की गई है, जिन पर जालसाजी और धोखाधड़ी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. इसे भी पढ़ें : ‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी…’, 9 तारीख को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की लेंगे शपथ, साथ में होगा एनडीए का पूरा कुनबा…

सूत्रों ने बताया कि तीनों को सीआईएसएफ कर्मियों ने मंगलवार को संसद भवन के फ्लैप गेट प्रवेश पर उस समय रोका और हिरासत में ले लिया जब वे सुरक्षा और पहचान पत्र की जांच के लिए कतार में खड़े थे. तीनों अपने आधार कार्ड दिखाकर संसद परिसर में प्रवेश पाने की कोशिश कर रहे थे. सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ कर्मियों ने कार्ड को संदिग्ध पाया और आगे की जांच में पाया कि वे जाली थे.

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सीआईएसएफ ने हाल ही में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियों को बदलकर संसद परिसर की पूरी सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है. अधिकारियों ने बताया कि संसद परिसर के अंदर सांसद के लाउंज के निर्माण के लिए डी वी प्रोजेक्ट्स लिमिटेड नामक कंपनी ने तीनों लोगों को काम पर रखा था.

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केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों ने तीनों को दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था, जिसने एक प्राथमिकी दर्ज की और उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं जैसे 465 (जालसाजी), 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक साजिश), 471 (नकली दस्तावेजों को असली के तौर पर इस्तेमाल करना) और 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया.