भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद जगद्गुरू आदि शंकराचार्य जी की गद्दी गुरुवार को जोशीमठ पहुंच चुकी है. शीतकाल तक अब शंकराचार्य जी की गद्दी के दर्शन ज्योतिर्मठ के नरसिंह मंदिर में ही होंगे. इससे पहले बुधवार को श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी और आदि गुरु शंकराचार्य जी की की गद्दी शीतकालीन पूजा स्थल योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंची थी. आज श्री नरसिंह मंदिर में जगद्गुरू जी की गद्दी को विराजमान कर दिया गया है.

बता दें कि 25 नवंबर को विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. इस दौरान सेना के बैंड की धुन और जय बदरीविशाल के उदघोषों के बीच भक्तिमय वातावरण में पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने. कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर खुल गया था. श्री रावल, धर्माधिकारी और वेदपाठियों ने विधि विधान से पूजा अर्चना संपन्न कराई थी. जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, दंडी स्वामी मुकुंदानंद महाराज समेत मंदिर समिति के पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे.

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गौरतलब है कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं. प्राकृतिक आपदाओं के चलते कई दिनों तक यात्रा बाधित होने के बावजूद इस वर्ष भी यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है. इस वर्ष 51 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या 04 लाख 35 हजार 901 ज्यादा रही है.