धीरज दुबे,कोरबा. युवा खून जब उबाल मारता है तो बदलाव तय है. डॉयलाग थोड़ा फिल्मी है, लेकिन बात है सोलह आने सच. कोरबा की राजनीति में बदलाव लाने की लहर के लिए अपने पक्ष में माहौल बनाने व अपने प्रत्याशी होने के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताने प्रचार के अभिनव प्रयोग उम्मीदवार कर रहे हैं. ताम झाम वाले व प्रचार के परंपरागत तरीकों से पृथक इस बार नई शुरुआत फ़्लैश मॉब के रूप में कोरबा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विकास महतो ने की है.

फ्लैश मॉब जैसे ट्रेंडी स्टाइल का इस्तेमाल

चुनाव के दौर में रैलियां, भाषण, पदयात्रा, रोड शो, ये सब तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन युवा प्रत्याशियों को ये अब रास नहीं आते. युवा उम्मीदवारों को नए ट्रेंड पता हैं जो जनता का ध्यान उसकी तरफ खींचते ही हैं, इसलिए उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए फ्लैश मॉब जैसे ट्रेंडी स्टाइल को अपनाया है.

लोगों में उत्सुकता

फ्लैश मॉब सोशल मैसेज देने का यंग जेनरेशन का अपना स्टाइल है जहां अचानक कुछ लोग एकजुट होकर गाने-बजाने या नाटक करने लगते हैं और अपनी बात कहकर फिर अलग हो जाते हैं. जिस तेजी से ये भीड़ में अचानक आते हैं, लोग भी हैरत या उत्सुकता से इन्हें सुनने पर मजबूर हो ही जाते हैं. महानगरीय शैली की तर्ज पर कोरबा में इसे चुनाव-प्रचार के लिए खूब उपयोग किया जा रहा हैं.

सोशल मीडिया का उठा रहे फायदा

वैसे भी राजनीति अब खालिस सियासी जोड़तोड़ भर नही है. दांव पेचों के अलावा तकनीक को इसमें शामिल किए बिना नहीं रह सकते. अर्थशास्त्र में एमए किए 42 वर्षीय विकास महतो की टीम में भी सारे नए चेहरे ही हैं. युवा सोच और तकनीकि का चुनाव प्रचार के नए तरीके के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो जनता से सीधे कनेक्ट करते हैं. मोबाइल, इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग साइट का राजनीति में अब जमकर इस्तेमाल हो रहा है फिर भी ये युवा जानते हैं कि जनता से सीधी बात भी उतनी ही अहम है. यही वजह है कि विकास महतो जनसंपर्क में कोई कसर नहीं छोड़ रहे.

निर्दलीय प्रत्याशी जादू का ले रहे सहारा

विकास के अलावा नई सोच के साथ मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी विशाल केलकर दिल्ली से नुक्कड़ नाटक की टीम बुला कर अपना प्रचार कर रहे हैं तो युवा प्रत्याशी अमरनाथ अग्रवाल जादूगर के जादू का सहारा ले रहे हैं.

रंग बदलती राजनीति

राजनीति रंग बदलती है सब जानतें हैं, लेकिन राजनीति का ढंग बहुत कम ही बदलता है और इसी ढर्रे की राजनीति को बदलने के लिए युवा नेता कोशिश में जुटे हैं. यह भी सच है कि परम्परा को भी साथ लेकर चलना जरूरी है.