रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ दिन पूर्व 88 अफसरों का प्रशासनिक तबादला किया. इन प्रशासनिक तबादलों में अफसरों की योग्यता का पूरा ध्यान रखा गया. जो अफसर जिस योग्य है, उन्हें उसी तरह जिम्मेदारी दी गई है. नई सरकार ने ‘मोदी की गारंटी’ को पूरा करने के लिए तबादले में दूरदर्शिता दिखाते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अफसर निष्पक्ष होकर जनता के लिए काम करें न कि किसी पार्टी विशेष के लिए. इसे भी पढ़ें : कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर छत्तीसगढ़ समेत 8 राज्यों में चुनाव समिति का किया गठन, जानिए किसे-किसे मिली जिम्मेदारी…
गौरतलब है कि पिछली सरकार में कुछ अधिकारियों पर आरोप लगता रहा कि सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे थे, उन्हें उन जगहों से हटाकर दूसरी जगह पोस्ट किया गया है. इसका साफ संदेश है कि अधिकारी निष्पक्ष होकर काम करें, ना कि किसी पार्टी विशेष के लिए. इस प्रशासनिक सर्जरी के जरिए जनता के कामों को छोड़कर सत्ताधारी दल के लिए काम करने वाले अधिकारियों को कठोर सन्देश दिया गया है.
जानकार बताते हैं कि इस पूरे प्रशासनिक फेरबदल में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं अपनी नजर बनाए हुए थे, और उनके निर्देश पर एक-एक नामों पर गहनता से विचार किया गया. हर नाम के साथ उनकी कार्य विशेषता पर भी गहन विचार हुआ. कई बार फीडबैक लिए गए. उनके आधार पर पुनः विचार किए गए. इसी वजह से सरकार ने पर्याप्त समय लेते हुए ट्रांसफर लिस्ट जारी की.
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