पीलीभीत,उप्र। पैसों के लिए इंसान कितना गिर सकता है इसका अंदाज़ा भी आप नहीं लगा सकते. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ऐसी प्रवृति सामने आ रही है जिसे सुनकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. यहां आरोप है कि कुछ परिवार अपने बुजुर्गों को बाघ-भालू जैसे जंगली जानवरों का शिकार होने के लिए जंगल में भेज रहे हैं. शिकार होने के बाद लाश के मुआवज़े लिए जाते हैं.

दरअसल नियम है कि अगर बाघ और भालू जैसे जंगली जानवरों का कोई शिकार होता और उसकी लाश जंगल में मिलती है तो कोई सरकारी मुआवजा नहीं मिलता. लेकिन अगर लाश जंगल क्षेत्र के बाहर किसी खेत या मैदान में मिलती है तो परिवार को लाखों में मुआवजा मिलता है.

हाल में बुजुर्गों पर जंगली जानवरों के हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है. इसी वजह से ऐसा शक जताया जा रहा है. बीते 8 महीने में 15 लोग जंगली जानवरों के शिकार हुए हैं. इनमें 14 हमले बाघ और 1 हमला भालू ने किया. इनमें 7 घटनाएं जंगल क्षेत्र में और आठ घटनाएं जंगल से बाहर हुईं. जंगल से बाहर हुई घटनाओं में वन विभाग 50 लाख रुपये का मुआवजा दे चुका हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी कृषक दुर्घटना बीमा के तहत मुआवजा दिया है.

बुजुर्गों के जंगली जानवरों के शिकार होने पर शक ने एक वीडियो के वायरल होने पर भी जोर पकड़ा है. वीडियो में कुछ लोग जंगल क्षेत्र से एक लाश को उठाकर गन्ने के खेत में डाल रहे हैं. संदेह है कि ये इसलिए किया गया कि सरकारी मुआवजा मिल सके.