राजस्थान. राजस्थान अपने वन्य अभ्यारण्यों के लिए पर्यटकों के दिल में हमेशा एक खास जगह बनाएं रखता हैं. रणथंभौर, सरिस्का, केवलादेव जैसे जगहों पर पर्यटक पशु- पक्षियों को निहारने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. अब राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व पहुँचने वाले पर्यटकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है.
बीते गुरुवार की रात रणथंभौर से सरिस्का टाइगर रिजर्व में युवा बाघिन T-134 को लाया गया है,और उसे एंक्लोजर में छोड़ा गया है. जिससे यहां बाघों का कुनबा बढ़ गया है, और अब यहां बाघ की संख्या 28 हो गई है. सरिस्का में नई बाघिन आने से अब इसका पर्यटन की दृष्टि से भी विकास होगा.
अभी कुछ दिन रहेगी एंक्लोजर मेल
रणथंभौर से ट्रेंकुलाइज कर सड़क मार्ग से लाई गई बाघिन टी-134 को टहला रेंज के भागानी एंक्लोजर में छोड़ा गया है. बाघिन कुछ दिन इसी एंक्लोजर में रहेगी. उसके बाद खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. अब यहां मौजूद 28 बाघों में 8 बाघ, 14 बाघिन और 6 शावक हैं. रणथंभौर से लाई गई बाघिन टी-134, रणथंभौर की ही बाघिन टी-93 की बेटी है. बाघिन टी-134 को गुरुवार दोपहर 12:25 बजे ट्रेंकुलाइज किया गया. इसके बाद सड़क मार्ग से सरिस्का लाया गया, जहां रात करीब 8:50 बजे एंक्लोजर में सुरक्षित तरीके से छोड़ दिया. सरिस्का में बाघिन टी-134 का नया नाम एसटी- 30 रखा गया है.
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