अजयारविंद नामदेव, शहडोल। देश में सबसे ज्यादा बाघों के साथ टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्य प्रदेश अब टाइगर के लिए सेफ नहीं है, क्योंकि शहडोल जिले में एक बार फिर टाईगर का शिकार करने का एक मामला सामने आया है। जैतपुर वन परिक्षेत्र के लफदा बीट में एक व्यस्क बाघ का शिकार कर शिकारियों ने नाखून, दांत व मूछ रखकर उसके अवशेष को जला दिया, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। मामले की पड़ताल के दौरान वन विभाग के अधिकरियों ने बाघ के शिकार करने वाले 11 शिकारियों को गिरफ्तार किया है।

दरअसल, पूरा मामला जैतपुर वन परिक्षेत्र के लफदा बीट का है। जहां लफदा बीट अंतर्गत जंगली जानवरों के आतंक से किसान परेशान होकर अपने खेत मे करंट का जाल बिछा दिया था, जिससे एक बाघ की करंट के जाल में फंसने से मौत हो गई। जिस पर ग्रामीण किसान ने बाघ के बेशकीमती दांत, नाखून व उसकी मूछ को निकालकर रख लिया और बाघ के बाकी अवशेष को जला दिया, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। मामले की पड़ताल के दौरान वन विभाग के अधिकरियों ने बाघ के शिकार करने वाले 11 ग्रामीणों शिकारी कमला सिह, राम चंरण सिह, आनंद कुमार सिंह, विनोद सिंह, बाल सिह, डीलन सिंह, राजू सिंह, सुशील सिंह, राम दास सिंह, रामखलेवन सिंह, जितेंद सिंह को गिरफ्तार किया है।

पूरे मामले में दक्षिण वन मंडल डीएफओ श्रद्धा पेन्द्रे का कहना है कि जंगली सुअर के लिए कुछ लोग खेत मे करंट का जाल बिछाया था, जिसमें एक बाघ के फंसने से मौत हो गई थी। जिस पर लोगों ने बाघ के नाखून, दांत व मूछ को रख लिया था। मामले की जानकरी लगने पर 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। फिलहाल आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि शहडोल संभाग के उमरिया जिले में साल 2022 में हुई बाघ गणना में बांधवगढ़ नेशनल पार्क ने अपना ताज कायम रखा। 1536 वर्ग किमी के जंगल में 124 से बढ़कर 165 बाघ मिले हैं। 41 नए बाघों के योगदान के चलते मध्यप्रदेश लगातार दूसरी बार टाइगर स्टेट बनने में सफल रहा। माना जा रहा है कि इसमे बांधवगढ़ का अहम योगदान है। बाघों की संख्या में हुए इजाफा से बाघ शहडोल रिहायसी इलाकों में आ रहे हैं। जो शिकारियों की भेंट चढ़ रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारियों यहां पर लगातार गश्त करते हैं, उसके बाद भी टाइगर का शिकार हो रहा है। इस क्षेत्र में टाइगर का शिकार होना प्रबंधन की विफलता को उजागर कर रहा है। देश में बाघों के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन टाइगर स्टेट कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में ही बाघों की मौत ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

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