रायपुर. अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के जिन मकानों का निर्माण शुरु होना था उस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने अधूरे बने मकानों के मालिकों को भी निर्देश दिया है कि जब पुनर्विस्थापन होगा तब उन्हें भी हटना होगा. गौरतलब है कि अचानकमार टाईगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत कुल 621 मकानों का निर्माण करने का फैसला पंचायत ने किया था. जिसमें से 266 मकानों का कार्य चालू कर दिया गया है.
न्यायधीश अजय कुमार त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति पी.पी.साहू की युगलपीठ ने शासन को आदेश दिया है कि 621 में से 266 मकानों को छोड़कर कोई और निर्माण नहीं किया जाएगा. जिन 266 मकानों का निर्माण किया जा रहा है, उनका निर्माण एैसी सामग्रियों से किया जावेगा जिससे हितग्राहियों को अचानकमार टाईगर रिजर्व से दूसरे स्थान पर पुनर्विस्थापित किये जाने पर उस निर्माण सामग्री का पुनः मकान बनाने में उपयोग हो सके.
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेशित किया कि इस आदेश से उन 266 हितग्राहियों को किसी प्रकार के अन्य अधिकार नहीं मिलेंगे. जब भी पुनर्विस्थापित उन्हें करने को कहा जाएगा तब वे पुनर्विस्थापित हो जायेंगे. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह आदेश अचानकमार टाईगर रिजर्व में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के मकानों के लिये है.अन्य किसी भी कोर ऐरिया में निर्माण नहीं होगा. कोर्ट ने अचानकमार टाइगर रिजर्व से विस्थापन की कार्यवाही शीघ्र चालू करवाने हेतु भी आदेशित किया.
गौरतलब है कि बाघों के संरक्षण हेतु दायर जनहित याचिका में याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी ने अंतरिम आवेदन देकर कोर्ट को बताया था कि वर्ष 2009 में अचानकमार टाईगर रिवर्ज को टाईगर रिजर्व घोषित करने उपरांत वहां से 25 गांवों को विस्थापित किया जाना था. इनमें से 6 गांवों का विस्थापन हो चुका है शेष 19 गांवों का विस्थापन किया जाना बाकी है और उन्हीं 19 गांवों में मुंगेली जिला पंचायत द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 621 पक्के मकान बनाये जा रहे है. जिसके खिलाफ उन्होंने याचिका लगाई थी.