Tiger Skin Trafficking: बारीपदा. वन विभाग और सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व (एसटीआर) के अधिकारियों ने बाघ की खाल की तस्करी से जुड़े एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में एक सरकारी स्कूल शिक्षक समेत कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
यह संयुक्त अभियान कपटीपदा, बड़साही, दुकुराह और खुंटा वन क्षेत्रों में चलाया गया.
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Tiger Skin Trafficking
Tiger Skin Trafficking. जांच के दौरान आरोपियों के घरों से बाघ की तीन खालें जब्त की गईं, जिन्हें कथित रूप से पूजा-पाठ के लिए रखा गया था. आरोपियों का मानना था कि ये दुर्लभ वस्तुएं समृद्धि लाती हैं. जब्त की गई खालें पुरानी बताई जा रही हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ से लाया गया था.
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गिरफ्तार किए गए आरोपियों में रायसेन तपेयार, मनरंजन टिपिरिया, गुरुप्रसाद पात्र, सेरमासिरी सोरेन, चंपई मुर्मू, सुनाराम हेम्ब्रम, और अमर कुमार सिंह शामिल हैं. इनमें एक सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता ने वन्यजीव अपराधों में नागरिक समाज की भूमिका को लेकर चिंता बढ़ा दी है.
Tiger Skin Trafficking. वन अधिकारियों ने जानकारी दी कि जांच अभी जारी है, और आगे और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं. अधिकारियों के अनुसार, लुप्तप्राय जानवरों के अंगों की पूजा से जुड़ी यह मानसिकता गहराई से जमी हुई सामाजिक भ्रांतियों को दर्शाती है, जिन्हें तत्काल संबोधित किया जाना आवश्यक है.
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