भुवनेश्वर : जीनत की हालत बिगड़ती जा रही है। जीनत को बेहोश करने के लिए उसे तीन बार गोली मारी गई। बताया जा रहा है कि बेहोश करने वाली दवा के असर से ही बाघिन बीमार हुई है। जीनत के इलाज और निगरानी की जिम्मेदारी कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर में 12 सदस्यीय टीम को दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक उसका शरीर पूरी तरह से कमजोर हो चुका है।

आज मेडिकल जांच के बाद ही तय होगा कि बाघिन ओडिशा कब लौटेगी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ठीक होने के बाद उसे कहां रखा जाएगा। वन विभाग इस बात पर विचार कर रहा है कि उसे सॉफ्ट एनक्लोजर में रखा जाएगा या किसी दूसरे अभ्यारण्य में भेजा जाएगा। गौरतलब है कि जीनत को रविवार को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के गोसाईंडीही के पास जंगल में बेहोश कर दिया गया था।

जीनत 14 नवंबर को महाराष्ट्र के ताड़ोबा-धनारी टाइगर रिजर्व से सिमिलिपाल आई थी। उसे बाघों की आबादी बढ़ाने के उद्देश्य से सिमिलिपाल अभ्यारण्य में लाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसे शुरू में दस दिनों तक एक अलग बाड़े में रखा गया था। लेकिन बाद में वह 8 दिसंबर को शिमलीपाल से निकलकर झारखंड के चाकुलिया जंगल में चली गई। वहां एक हफ़्ते तक घूमने के बाद जीनत पश्चिम बंगाल के झारग्राम की ओर चली गई। फिर 21 दिनों की मशक्कत के बाद वन विभाग ने उसे पकड़ लिया।