सूर्यप्रकाश गोस्वामी,टीकमगढ़। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया के गौ शाला में गायों की मौत की आग ठंडी नहीं हुई थी. अब टीकमगढ़ जिले के पपोरा गांव में बनी दयोदय गौशाला में सैकड़ों गायों की मौत का मामला उजागर हुआ है. गौशाला में अभी तक एक महीने के अंदर 400 से अधिक गायों की मौत हो चुकी है. गौशाला प्रबंधन ने मरी गायों को छिपाने के लिए 2 किमी दूर रमन्ना के जंगल में फेंकवा दिया था. इन मृत गायों को कभी कुत्ते नोचते और कंकाल एक किमी के एरिया में दिखाई देते है, जो एक गम्भीर मामला है.

जैन समुदाय संचालित कर रही गौशाला

दयोदय गौ शाला का स्थापना सन 2000 में किया गया था, जिसका संचालन जैन समुदाय कर रही है. जिसमें 2000 के लगभग गाये रखी गई, मगर उनको जो सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नहीं मिलती. इन गायों के लिए लाखों का फंड दिया जाता, उनके खाने और रखरखाव को लेकर बुरी दुर्दशा देखने को मिल रही है. इस गौशाला को मध्यप्रदेश शासन से 22 लाख रुपए का अनुदान दिया जाता. भारत सरकार के भारतीय जीव जंतु कल्याण विभाग से भी लाखों का अनुदान मिलता है.

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भूख, प्यास और ठंड से गायों की मौत

मगर यह अनुदान राशि का गौशाला प्रबंधन समिति क्या करती है, यह समझ से परे, क्योंकि सुविधाओं के आभाव में गायों को मौत हो रह है. जब हमने इस गौशाला के कर्मचारियों से पूछा तो उनका कहना रहा कि अभी तक 200 गाय मर चुकी है. जिनको जंगल में फेंकवाया गया है. जिले में कार्यरत गौ सेवकों का कहना है कि रमन्ना के जंगल में जो गाय मृत पड़ी हुई वह सैकड़ों की संख्या में मरी दयोदय पशु सेवा केंद्र (गौ शाला ) पपोरा की है. गौ सेवकों का आरोप है कि यह गाय भूख, प्यास और ठंड के कारण मरी है. जिसकी जिम्मेदारी गौ शाला समिति की है.

कुछ भी कहने से बच रहे जिम्मेदार

गौ सेवकों का ये भी कहना है कि समिति लाखों रुपए का फंड गायों के नाम पर लेकर अपने पेट मोटी कर रहे और गायों की पेट दुबली कर रहे हैं. ये लोग रात में मरी हुई गायों को जंगल में फेंककर ठिकाने लगा देते हैं. इस मामले में गौशाला समिति का कोई भी जिम्मेदार कैमरे के सामने नहीं आया. सभी बचते नजर आए.

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कलेक्टर ने भी दिया जांच का हवाला

जब हम टीकमगढ़ कलेक्टर के पास पहुंचे तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि पहले जांच कराते हैं, फिर बात करते है. इसी तरह जिले के कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सामने नहीं आ रहे हैं. जबकि 400 से अधिक गायों की मौत हुई है.  आखिर गायों की मौत का जिम्मेदार कौन है. अब यह गाय भूख और ठंड या किस वजह से मर रही है, यह जांच का विषय है.

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