मुकेश सेन,टीकमगढ़। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में नाबालिगों का गैंग सक्रिय है. बैक में पैसा जमा करने गए बुजुर्ग की जेब से दो नाबालिग बच्चों ने 1 लाख 50 हजार रुपये पार कर दिए. चोरी की पूरी वारदात बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. पुलिस मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. जिले में पीने के पानी को लेकर हालत इतने भयावह हो गए है कि लोगों को पानी के लिये तमाम प्रकार के जतन करने पड़ रहे हैं. गांव के बाहर गड्ढों में भरा गंदा पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हैं.
दरअसल जिले के बल्देवगढ़ स्थित स्टेट बैंक शाखा में 65 वर्षीय बुजुर्ग इमरत यादव अपने खाते में पैसा जमा करने गया हुआ था. वहां वह जब बैंक काउंटर पर दस्तावेजी कार्रवाई कर रहा था. इसी बीच दो अज्ञात नाबालिग बच्चे आए और बुजुर्ग के पीछे चिपककर खड़े हो गए. पलक झपकते ही बुजुर्ग के कुर्ते की बगल की जेब में रखे डेढ लाख रूपये निकालकर रफूचक्कर हो गए. घटना की सूचना पर मामला दर्ज कर पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर नाबालिग बच्चों की तलाश में जुट गई है.
गड्ढों में भरा गंदा पानी पीने को ग्रामीण हैं मजबूर
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के टीकमगढ़ जिले में गर्मी में हालात खबर हो गए हैं. ग्रामीण गांव के बाहर गड्ढों में भरा गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. बड़ागांव धसान तहसील के नवीन दरगुवा गांव की बात करे तो यहां के हालात यह है कि गांव में पानी की कमी की चलते कई परिवार गांव छोड़कर चले गये हैं. गांव के ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत करने पर कोई नहीं सुनता.वही अधिकारी निरीक्षण कराकर समस्या हल करने की बात ही कह रहे है.
सरकार द्वारा बनाये गये बान सुजारा बांध के डूब क्षेत्र में आ रहे तीन गांव के लोगों को स्थापित करने के लिए शासन द्वारा 01 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से ग्राम पंचायत दरगुवा गांव के पास नवीन दरगुवा नाम से एक कालौनी का निर्माण कराया गया. जिसमें तीन गांव मगरा, रामनगर सूडाखेरा के लोगों के लिए 117 रहवासी प्लॉट, मूलभूत सविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर पानी की टंकी, स्कूल, आंगनबाडी केन्द्र बनाये गए थे. जिसमें करीब 60 लोग वर्ष 2018 से अपने घर बनाकर यहां रहने लगे थे, लेकिन पानी की कमी के चलते आधे परिवार अपना घर द्वारा छोड़कर चले गये.
अब यहां मात्र 30 परिवार रहकर जलसंकट से जूझ रहा है. जलसंकट से जूझते लोगों को कंठ की प्यास बुझाने के लिये मजबूरन गांव के बाहर गड्ढों में भरे गंदे पानी का करना उपयोग करना पड़ रहा है या फिर 2 से 3 किलोमीटर दूर दूसरे गांव जाकर पानी लाना पड़ रहा है. लोग बूंद-बूंद पानी के लिये परेशान है. शिकायत करने पर अधिकारी और नेता कोई नहीं सुनता. पानी की कमी के चलते गांव के कई परिवार अपना घर द्वारा छोड़कर वाहर चले गये. गांव में जो शासकीय पानी की टंकी बनी है, उसके लोग पाइप निकाल ले गये है. गांव का जल स्तर नीचे चले जाने से गांव में हैण्डपंपों ने भी पानी देना बंद कर दिया है और अधिकांश खराब पड़े हुए हैं.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें