चंडीगढ़ के निगम भवन में आज कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज 437 नए कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिए। इस दौरान सी.एम. मान ने कहा कि 2999 पुलिस कांस्टेबल जिन्हें नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं वह अपने-अपने थानों में वर्दी पहन कर काम कर रहे हैं।

सारी लिस्ट देख लें और टोटल करके देखें तो आज तक 36524 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। बूंद-बूंद से समुद्र बनता है। हमारी सरकार को डेढ़ साल हो गया है इस दौरान हमने कई युवाओं को नौकरियां दी। इतना ही नहीं हम नौकरी देने से पहले यह देखते हैं कि जिस डिपार्टमेंट में नौकरी दी जानी है कहीं उसका कोई केस तो नहीं चल रहा कहीं ऐसा ना हो कि युवकों को नई नौकरी के पहले दिन ही कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।

सी.एम. मान ने कहा कि हमारी सरकार सारी डिटेल चेक करके और सारी चीजें क्लियर करके ही नवनियुक्त युवकों को नियुक्ति पत्र देती है। हमने कभी ऐसा नहीं सोचा कि एक साथ ही लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जाएं। अगर 211 हैं तो दे दो 15 हो गए तो दे दो जितने भी आपके पास पद खाली है उसके हिसाब से हम युवाओं को नियुक्ति पत्र दे देते हैं। बस एक बार उन्हें अपने परिवार के मेंबर बना दें हमारा बस यही लक्ष्य है। यह कोई क्रेडिट वॉर नहीं चल रहा। हमने तीन हफ्तों के अंदर 7660 नियुक्ति पत्र दिए हैं सरकार का काम है कि जैसी डिग्री है उसके मुताबिक ही काम दे। कहीं ऐसा ना हो कि नौकरी के पहले दिन ही युवाओं को मानसिक तनाव से गुजरना पड़े। युवा जिस फील्ड में भी गए हैं उसकी उन्हें पूरी तरह से जानकारी हो।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आगे कहा कि हमारी सरकार रनवे है और युवा पीढ़ी जहाज। अगर रनवे मौका ही नहीं देगा तो चाहे जहाज का इंजन कितना भी अच्छा या बढ़िया क्यों ना हो वह उड़ नहीं सकता। पहले वाली सरकारें रनवे अपने परिवारों और रिश्तेदारों के लिए खोलते थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है अब यह रनवे सबके लिए है। अब यह युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है कि वह कितना ऊंचा उड़ना चाहते हैं। अगर वे सच्चाई, ईमानदारी से मेहनत करेंगे और आगे बढ़ेंगे तो बहुत बड़ी-बड़ी कुर्सियां उनका इंतजार कर रही हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को पॉजिटिविटी रखने के लिए उम्मीद रखने के लिए कहा।

इस दौरान उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि पहले वाली सरकारें युवाओं की हिम्मत को तोड़ देती थी। सी.एम. भगवत मान ने पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर निशाना साधते कहा कि उन्होंने 9 साल नौजवानों से यही कहा कि खजाना खाली है इसलिए उन्होंने विदेश का रास्ता अपनाया। हमारी सरकार को डेढ़ साल हो गया है लेकिन हमने कभी नहीं कहा कि खजाना खाली है। खजाना चाहे खाली हो लेकिन नियत भरी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इधर-उधर जाने वाले नोट बंद हो जाएं तो खजाना भरा रहेगा। वह कभी खाली नहीं होगा।