रोहित कश्यप, मुंगेली. कभी जिस मुक्तिधाम की गंदगी और बदबू के आलम में लोग एक मिनट रुकना नहीं पसन्द करते थे. आज वहां बैठकर कई घण्टे गुजार सकते है नगर के युवा वर्ग ने आखिर ऐसा क्या कदम उठाया कि जो मुक्तिधाम अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर था वह आज स्वच्छ और सुंदर नजर आने लगा है।
मुंगेली नगर का मुक्तिधाम कभी अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर था, आलम यह कि गन्दगी और बदबू की वजह से लोग यहां एक मिनट रुक नहीं पाते थे आज इसका नजारा देखकर आप हैरान रह जाएंगे. जी हाँ करीब 50 से 55 दिनों तक सुबह से युवा वर्ग ने इसकी सफाई के लिए निःस्वार्थ भावना के साथ दाऊपारा स्थित सार्वजनिक मुक्तिधाम जो मूँगेली नगर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम कहा जाता है वहा युवा वर्ग रोजाना साफ सफाई के लिए आगे आते है, शुरुवाती दौर में तो 2 से 4 युवाओं ने इसकी शुरुआत की थी अब यहां करीब 30 से 35 लोग अपनी सेवाएं दे रहे है.
जिससे इनकी रोजाना की मेहनत धरातल में नजर आने लगी है, मुक्तिधाम की बदहाली को देखकर युवा वर्ग ने यह मन में ठान लिया था कि मुक्तिधाम को स्वच्छ और सुंदर बनाना था जिसके बाद लोगों के बढ़ते संख्या से हौसला भी बढ़ता गया और आज मुक्तिधाम 50 से 55 दिनों की मेहनत से साफ दिखाई पड़ रही है। जिस मुक्तिधाम में लोग रुक नहीं पाते थे वहा लोग घण्टो रुककर समय गुजार सकते है.
युवाओं का कहना है कि आने वाले समय मे इसको ऐसा बनाने की कोशिश है कि लोग इसे मुक्तिधाम नहीम स्वर्गधाम कहेंगे। मैं अकेला था जानिब ए मंजिल मगर लोग आते गए और कारवाँ बनता गया, युवाओं का इस तरह का कदम सराहनीय है वहीं जरूरत है तो अब शासन प्रशासन के नुमाइंदों की जिससे इन युवाओं का जो सपना है कि मुक्तिधाम को स्वच्छ व सौंदर्यीकरण किया जा सके।