हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकरेश्वर। मां नर्मदा की गोद में मंगलवार को लहरों ने जैसे तिरंगे को अपने आंचल में थाम लिया हो। ब्रह्मपुरी घाट से शुरू हुई यह भव्य तिरंगा यात्रा जल और थल दोनों पर देशभक्ति का अनुपम दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। सजधज कर खड़ी नावों पर लहराता तिरंगा और लहरों की ताल पर गूंजते “भारत माता की जय” के स्वर मानो मां नर्मदा स्वयं इस पर्व की साक्षी बन गई हों।
ओंकारेश्वर बांध के सामने से गुजरती नावों की कतार जब भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के ठीक सामने पहुंची, तो मंदिर की घंटियों और नर्मदा की कल-कल ध्वनि ने जैसे मिलकर राष्ट्रगान का संगीत रच दिया। तटों पर खड़े श्रद्धालु और नगरवासी हाथों में तिरंगा लहराते, देशप्रेम के रंग में रंगे दिखाई दिए।
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नगर भ्रमण के बाद यात्रा समापन स्थल तक पहुंची। जहां मांधाता विधानसभा के विधायक नारायण पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह तोमर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। बीजेपी के सैकड़ों कार्यकर्ता भी नावों और घाटों पर उत्साहपूर्वक शामिल हुए, जिससे यह आयोजन जन-जन का पर्व बन गया।
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यह तिरंगा यात्रा केवल एक जल यात्रा नहीं थी। यह मां नर्मदा की लहरों से निकली वह प्रेरणा थी, जो हमें याद दिलाती है कि चाहे समय की धारा कितनी भी बदल जाए, देशभक्ति की धारा सदैव अविरल बहती रहेगी। जैसे नर्मदा की लहरें हर घाट को स्पर्श करती हैं, वैसे ही तिरंगे का संदेश हर हृदय को ‘एकता, सम्मान और राष्ट्र के प्रति समर्पण’ स्पर्श करता है।
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