पूर्व क्रिकेटर और TMC सांसद यूसुफ पठान ने गुजरात सरकार पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वडोदरा मुंसिपल कॉरपोरेशन की ओर से यूसुफ पठान को अतिक्रमण का नोटिस मिला था . इस मामले को लेकर यूसुफ पठान ने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है. गुजरात हाई कोर्ट में TMC को नोटिस भेज कर इसका स्पष्टीकरण भी मांग लिया.
बड़ोदरा नगर निगम की सरकारी जमीन खाली करने का यूसुफ पठान को नोटिस मिला था. इसी को लेकर यूसुफ पठान ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की और उन्होंने बताया साल 2012 में ही नगर निगम को जमीन लेने के लिए आवेदन दिया था. और 2014 में निगम द्वारा अलग प्रस्ताव लाकर उसे राज्य सरकार को भेज दिया.
मुझे प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही
हाई कोर्ट ने यूसुफ से पूछा कि 10 साल तक उनके द्वारा कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया तो उन्होंने कहा कि मैं हाल ही में लोकसभा चुनाव में चुना गया हूं और मुझे प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि मैं दूसरी पार्टी से चुना गया हूं. पिछले 10 साल से कुछ नहीं किया और अचानक चुनाव परिणाम के बाद 6 जून को नोटिस भेज दिया.
उन्होंने आगे कहा कि निगम के प्रस्ताव के बाद फिर से उसे राज्य सरकार भेजा गया, जो जरूरी नहीं है, क्योंकि यह नगर निगम की जमीन है, राज्य सरकार की नहीं. अगर हमने इसे नहीं हटाया तो सीधे बुलडोजर आएगा.
यह है मामला
भारतीय पूर्व क्रिकेटर और TMC सांसद यूसुफ पठान को 6 जून को सरकारी जमीन से कब्जे को हटाने के लिए नोटिस भेजा था. नगर निगम के पूर्व पार्षद के द्वारा इस जमीन पर कथित तौर पर किए गए कब्जे को अवैध बताते हुए नगर निगम से एक्शन लेने की मांग की थी.
आदेश देने के पहले कर लिया था अतिक्रमण
यूसुफ पठान ने 2012 में एक जमीन को लेकर आवेदन किया था, जिसको वडोदरा नगर निगम ने मंजूर कर दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने जमीन कि इस बिक्री को खारिज कर दिया था. सरकार द्वारा बड़ोदरा निगम को जमीन घेरने के आदेश दिए गए थे, लेकिन तब तक यूसुफ पठान ने उसे जगह को कब्जा लिया था. इसके बाद ही उन्हें यह नोटिस भेजा गया.
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