Festivals Gifts Ban: केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Union Finance Ministry) ने केंद्र सरकार से संबद्ध सभी मंत्रालयों, विभागों और संस्थानों को एक महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि वे फिजूलखर्ची से बचें और दिवाली व अन्य आगामी त्योहारों पर उपहार (Diwali Gift) देने की परंपरा को तुरंत बंद करें. वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 19 सितंबर को जारी इस आदेश में कहा गया है कि राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) बनाए रखने और अनावश्यक खर्च को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक संसाधनों (Public Resources) का उपयोग सोच-समझकर और जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए. इसलिए, इस बार कोई भी सरकारी दफ्तर उपहार खरीदने, बांटने या इससे जुड़े सामान पर पैसा खर्च नहीं करेगा. यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू है.
पहले भी हो चुकी है खर्चों में कटौती
बता दें, पिछले कुछ सालों में, सरकार ने समय-समय पर खर्चों में कटौती के आदेश जारी किए हैं. 2020 के कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौरान, सरकार ने सभी विभागों और केंद्रीय उपक्रमों को कैलेंडर, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड और कॉफी टेबल बुक छापने से प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, कैलेंडर को दिसंबर 2022 में छापने की अनुमति मिल गई थी.
अब, त्योहारों के दौरान उपहार देने की प्रथा पर एक बार फिर प्रतिबंध लगाकर, सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सार्वजनिक धन का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही किया जाना चाहिए.
‘GST बचत उत्सव’ पर फोकस
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक पत्र में लिखा, “त्योहारों के दौरान उपहार खरीदने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन अब इसे तुरंत रोकना जरूरी है.” इस संबंध में, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) को भी पहले त्योहारों के दौरान उपहार खरीदने से बचने के निर्देश दिए गए थे.
केंद्र सरकार वर्तमान में ‘GST बचत उत्सव’ को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. ताकि आम लोग कर की दर में कमी का लाभ उठा सकें. इसलिए, उपहारों पर प्रतिबंध लगाने का यह निर्णय इसी सोच का हिस्सा माना जा रहा है.
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