रायपुर. बिना दृढ़ निश्चय के, कोई भी सफलता के साथ अभ्यास में सलग्न नहीं हो सकता है. अभ्यास को नियमित रखने के लिए, एक व्यक्ति को सकारात्मक सोच के साथ आशा, विश्वास और आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है. अभ्यास हमारे लिए व्यायाम और मंत्र की तरह है, जो शारीरिक और मानसिक संस्थाओं को आवश्यक आवृत्ति के साथ एक रास्ते पर लाती है और धीरे-धीरे लेकिन निश्चितता के साथ हमें पूर्णता की ओर ले जाती है.

किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए व्यक्ति के व्यक्तित्व की निर्णायक भूमिका होती है, व्यक्तित्व विकास के लिए निरंतर अभ्यास का महत्त्व है जिससे किसी भी प्रकार के कठिन से कठिन कार्य में सफल हुआ जा सकता है. निरंतर अभ्यास को बनाए रखने के लिए कुंडली के तीसरे स्थान के स्वामी अथवा कालपुरूष के तृतीयेश बुध की शांति करना, हरी मूंग का दान करना और गणपति की पूजा होती है, जिसके करने से जगत में प्रसिद्धि किया जा सकता है.