चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग। अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा विवाद में रहने वाला दुर्ग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का कामकाज फिर से पुराने ढर्रे पर लौट गया है. चालान की वसूली के लिए कार्यालय से अलग एक कार्यालय की स्थापना की गई है, जहां से रकम की लेन-देन हो रही है. यह सब न केवल परिवहन विभाग के आला अधिकारियों बल्कि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों में जानकारी में हो रहा है, लेकिन सबकुछ जानने के बाद जिम्मेदारों की खामोशी बड़ा इशारा कर रही है.

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में उड़नदस्ता की चालानी कार्रवाई करने के विभाग ने कमरा नम्बर 16 नियत किया है, लेकिन कमरे में अधिकांश समय ताला लटका रहता है, वहीं दरवाजे में मोबाइल नंबर चस्पा कर दिया गया है, जिससे संपर्क किया जाता है, बड़ी बात यह है कि यह नंबर किसी अधिकारी-कर्मचारी का नहीं, बल्कि दलाल व बाहरी लोगों का नंबर है.

शिकायत के बाद दरवाजे पर चस्पा मोबाइल नंबर वाले कागज को फाड़ा गया.

वहीं परिवहन विभाग का अवैध वसूली कार्यालय का संचालन आदर्श नगर से हो रहा है. बता दें कि परिवहन विभाग के अवैध कार्यालय का संचालन पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी वर्ष 2014 में अवैध आरटीओ कार्यालय का संचालन का खुलासा हुआ था, लेकिन काफी हो-हल्ला के बाद कार्रवाई कागजों में सिमट कर रह गई.

इस बात अंतर इतना आया है कि स्थान को बदलकर आदर्श नगर के एक किराए के मकान में उड़नदस्ता का निजी कार्यालय का संचालन किया जा रहा, जहां भारी वाहनों का चालान पटाने से लेकर और भी अन्य कार्य इस निजी मकान से संचालित हो रहे हैं. इस बात को लेकर जब पत्रकारों ने विभाग के अधिकारियों से सवाल किया तो उन्होंने इस मामले में अनभिज्ञता जताते हुए किसी बाहरी व्यक्ति की शरारत तक करार दे दिया.

अवैध वसूली कार्यालय के अंदर का नजारा.

सरकार के संरक्षण में फल-फूल रहा अवैध कारोबार

अगले दिन उस नंबर पर कार्रवाई करने के बजाए उड़नदस्ता के लिए नियत कमरे के बाहर चस्पा किये गए नंबर वाले कागज को फाड़ कर खानापूर्ति कर डाली. इस मामले में दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण में जुआ, सट्टा, शराब से लेकर आरटीओ में अवैध कारोबार का संचालन किया जा रहा है, जिसका पूरा जिम्मेदार प्रदेश का मुखिया है.

कलेक्टर जांच कराने के बाद एफआईआर की कर रहे बात

वहीं कलेक्टर सर्वेश्वर भूरे ने कहा कि जिले के परिवहन विभाग द्वारा अवैध कार्यालय की जानकारी मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. अवैध कार्यालय का जांच की जाएगी. जांच सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.