सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बन चुका है. डब्ल्यूएचओ द्वारा महामारी घोषित इस वायरस के इलाज की अब तक दवाईयां नहीं खोजी जा सकी है. लिहाजा लॉक डाउन का सहारा लेना पड़ा है. प्रधानमंत्री द्वारा 14 अप्रैल तक 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा के बाद भी लोग लापरवाहियां बरत रहे हैं. बलरामपुर जिले के एक गांव के युवाओं ने भी इस महामारी को मात देने के लिए एक तरकीब निकाली. हालांकि यह तरकीब कुछ अजीब है. और इससे सही ठहराना कानूनन सही नहीं होगा. क्योंकि इस फरमान में गाँव के युवाओं ने जुर्माना के साथ मारने की बात भी कह दी. हैरानी की बात ये है कि इस अजीब फरमान को जिले की एक जिम्मेदारी अधिकारी ने अपना वाट्सअप स्टेटस तक बना डाला.
मामला वाड्रफनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोंदला का है. यहाँ के युवाओं ने ग्राम पंचायत की सीमा के बाहर एक पोस्टर लगाया है. पोस्टर में लिखा है कि ‘गांव आने-जाने वाले लोगों का 14/04/2020 तक आना सख्त मना है. पकड़े जाने पर 500 रुपये जुर्माना और मार अलग से.’ बस इसी एक शब्द “मार” ने इस जागरुकता के पोस्टर को विवादित बना दिया है.
बताया जा रहा है कि यह फरमान जारी करने के बाद युवाओं के द्वारा गांव की सीमा पर पहरा भी दिया जा रहा है. इसके साथ ही कोई बाहरी व्यक्ति गांव की ओर आता हुआ नजर आता है तो उसे वापस लौटा दिया जाता है. ऐसा ही कुछ नियम यहां गांव वालों के लिए भी तय किया गया है, जिसके अनुसार कोई भी ग्रामीण बगैर किसी ठोस कारण से बाहर जाना मना है.
युवाओं ने कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए ऐसा उपाय किया, जिसमें वे मारने-पीटने जैसा रास्ता अख्तियार करने की बात लिखे हैं बस यही उनसे एक चूक हो गई. लेकिन जिले की एक जिम्मेदार अधिकारी ज्योति बबली बैरागी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया और वे इसे अपना वाट्सअप स्टेटस बना लिया. हालांकि उन्होंने यह स्टेटस क्यों बनाया, इसकी जानकारी नहीं लग पाई है. उम्मीद है कि वे हिंसा को बढ़ावा देने वाले स्टेटस और पोस्ट से दूर रहेंगी.