मंुबई। महज एक रिपोर्ट पर अरबों रुपए गंवाने के साथ-साथ देश में सियासत के केंद्र में आ चुके अडानी अब शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग को अमेरिका में ही कटघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए अडानी ने महंगे अमेरिकी लॉ फर्म ‘Wachtell’ को हायर किया है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंडनबर्ग से कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए अडानी ग्रुप ने जिस अमेरिकी लीगल फर्म वॉचटेल को चुना है, उसकी सबसे ज्यादा चर्चा विवादित मामलों में लीगल फाइट करने को लेकर होती रही है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को लेकर निवेशकों के सेटिंमेंट पर पड़े विपरीत प्रभाव और उन्हें फिर से आश्वस्त करने की दिशा में अडानी ने कदम उठाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप ने शॉर्ट सेलर फर्म को सबक सिखाने के लिए न्यूयॉर्क स्थित वाचटेल लिप्टन, रोसेन और काट्ज के टॉप वकीलों की सेवाएं ली हैं. गौरतलब है कि बीते 24 जनवरी को पब्लिश की गई रिसर्च रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड, स्टॉक मैन्युपुलेशन समेत कर्ज को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए गए थे.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अडानी ग्रुप पर ऐसा असर हुआ कि 10 दिनों के भीतर ही कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन आधा रह गया. इसका दूसरा असर यह हुआ कि चेयरमैन गौतम अडानी दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में चौथे पायदान से एक झटके में टॉप-20 से बाहर हो गए. 110 अरब डॉलर से ऊपर नेटवर्थ रखने वाले अडानी की संपत्ति घटकर अब महज 58.7 अरब डॉलर रह गई है.
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