आशुतोष तिवारी, रीवा। शहीद पति के सपनों को पूरा करने के लिए वीर नारी पत्नी रेखा सिंह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना से हुई झड़प में लांस नायक दीपक सिंह शहीद हो गए थे। शहीद दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। अब पत्नी रेखा सिंह का लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया और वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देंगी।
रीवा जिले के शहीद लांस नायक दीपक सिंह की पत्नी का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है।भारतीय सेना के जांबाज सैनिक ने 15 जून 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के धोखे से किए गए हमले का जोरदार मुकाबला किया था। उन्होंने चीनी सैनिकों के साथ कड़ा मुकाबला करते हुए अपने साथियों के साथ चीनी सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। लेकिन इस संघर्ष में दीपक सिंह मां भारती की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। शादी के मात्र 15 माह में रेखा ने अपने पति को खो दिया। लांस नायक दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
पति की शहादत गम और गुस्से में देशभक्ति का ऐसा जज्बा जगा कि रेखा सिंह ने शिक्षिका की नौकरी छोड़ कर सेना में अफसर बनाने का सपना संजो लिया। लेकिन यह रहा आसान नहीं थी नोएडा जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारियों की और प्रशिक्षण प्राप्त किया। रेखा ने फिजिकल ट्रेनिंग ली। प्रथम प्रयास में सफलता नहीं मिली। उन्होंने हिम्मत नहीं हरी, सेना में जाने की पूरी तैयारी करती रही। दूसरे प्रयास में मेहनत रंग लाई और भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर प्रशिक्षण 28 मई से चेन्नई में शुरू होगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर एक साल में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर सेवाएं देंगी।
विवाह से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में शिक्षिका थीं। उच्च शिक्षा प्राप्त रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। विवाह के बाद उनके पति शहीद दीपक सिंह ने अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया था। रेखा ने पति की शहादत के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। इसमें मायके और ससुरालियों ने पूरा सहयोग किया। रेखा को मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षाकर्मी वर्ग दो पद पर नियुक्ति दी गई। उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से अपना शिक्षकीय दायित्व निभाया। उनके मन में सेना में जाने की इच्छा लगातार बनी रही। रेखा ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से इस संबंध में चर्चा की। रीवा जिला प्रशासन तथा जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ने सेना में चयन के संबंध में उचित मार्गदर्शन और संवेदनशीलता से सहयोग दिया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत से काम लेकर और कठिनाईयों में भी सकारात्मक दृष्टिकोण से परिस्थिति का सामना करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उन्होंने पति के उन्हें अधिकारी बनाने के सपने को पूरा किया।
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