रायपुर। विश्व बैंक की सहायता से बस्तर और सरगुजा सहित राज्य के अन्य क्षेत्रों में निवास कर रहे अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से राज्य में चिराग परियोजना (छत्तीसगढ़ एन्क्लुसिव रूरल एण्ड ऐक्सलीरेटेड एग्रीकल्चर ग्रोथ प्रोजेक्ट) का क्रियान्वयन किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के योजनाओं का समन्वित क्रियान्वयन किया जाएगा.

मंत्रालय महानदी भवन में मुख्य सचिव सुनील कुजूर और विश्व बैंक के कन्ट्री डायरेक्टर (भारत) जुनैद कमाल अहमद की उपस्थिति में गुरुवार को चिराग परियोजना के तहत विभिन्न विभागों द्वारा संचालित किए जाने वाली गतिविधियों के विषय में संबंधित विभागों के सचिव स्तरीय अधिकारियों ने जानकारी दी.

मुख्य सचिव ने विश्व बैंक के प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ राज्य के भौगोलिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक विशेषताओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चिराग परियोजना की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और किसानों की आय में वृद्धि में मदद करने के भरपूर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. अतः प्रत्येक नोडल विभाग अपने विभागीय योजनाओं में ऐसे गतिविधियों का समावेश करें, जिससे उद्देश्य की प्राप्ति में सफलता मिले.

जुनैद कमाल अहमद ने छत्तीसगढ़ की जैव-विविधता और हरे-भरे जंगलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन चिंता का विषय है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. यहां के जंगलों और वनवासियों के बीच अद्भूत संबंध है.
बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुधन विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास, स्वास्थ्य, खाद्य, वन, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास, जल संसाधन, ग्रामोद्योग विभाग की गतिविधियों के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव केडीपी राव, सचिव वित्त शहला निगार, संबंधित विभागों के सचिव स्तरीय अधिकारी और विश्व बैंक के प्रतिनिधि दल के सदस्य उपस्थित थे.