स्वस्थ जीवनयापन के लिए योग और पौष्टिक खान-पान अच्छा तरीका है. अगर आप अपनी दिनचर्या में सुबह या शाम कुछ मिनट योग के लिए निकालते हैं, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है. प्रतिदिन कुछ मिनट का योगाभ्यास न सिर्फ शरीर से तदुंरुस्त रखता है, बल्कि मन को भी शांत रखने में मदद कर सकता है. गोमुखासन भी एक ऐसा आसन है जो कई बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है. आइए जाने इस आसन को करने का तरीका और इसके लाभ. Also Read – Kitchen Tips : बिना भिगोए भी बन सकते हैं छोले, Follow करें ये टिप्स …

कैसे करें गोमुखासन

1- सबसे पहले तो आप खुले स्थान पर योगा मैट बिछा के सुखासन या क्रॉस पैर वाली मुद्रा में बैठ जाएं.
2- इसके बाद अपने बांए पैर को अपने शरीर की ओर खींच के उसे अपने पास ले आएं.
3- अब अपने दायं पैर को बांए पैर की जांघों के ऊपर रखें और उसे भी खींच के अपने शरीर के पास ले आएं.
4- अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी के यहां से मोड़ के अपनी पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता हैं ले जाएं.
5- अब अपने बाएं हाथ को भी कोहनी के यहां से मोड़े और पेट के साइड से पीछे की ओर पीठ पर लेके जाएं.
6- अब दोनों हाथों को खींच के आपस में मिलाने की कोशिश करें और पीठ के पीछे हाथों को एक दूसरे से पकड़ लें.
7- अब इस आसन में कुछ देर तक रहें और 10-12 बार सांस लें. जब आपको इस स्थिति में असुविधा होने लगे तो आप पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आयें. इसके लिए अपने दोनों को हाथों को खोलें और पैरों को सीधा करें. Also Read – फूंक मारने से पता चलेगा ब्रेस्ट और मुंह का कैंसर, आसानी से होगा मरीजों का इलाज …

गोमुखासन योग से क्या लाभ

1- गोमुखासन योग सायटिका की समस्या को ठीक करने में मदद मिलती है.
2- गोमुखासन आपकी छाती को मजबूत करता है और श्वसन तंत्र को भी फायदा पहुंचाता है इससे आपके अस्थमा में फायदा हो सकता है.
3- रीढ़ के लचीलेपन में सुधार करने के साथ गड़बड़ बॉडी पोश्चर में सुधार करता है.
4- इस योग के अभ्यास से चिंता और तनाव कम होता है.
5- इस योगासन से पीठ, टखनों, कंधों, जांघों, ट्राइसेप्स की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है.
6- यदि आपको कमर दर्द है और मधुमेह की शिकायत है तो गोमुखासन आपको मदद कर सकता है.

गोमुखासन योग की सावधानियां

योग विशेषज्ञ कहते हैं वैसे तो गोमुखासन योग पूर्णत: सुरक्षित है और इससे शरीर को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है. इसका सुबह के समय अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता. योग के अभ्यास के दौरान शरीर पर अधिक तनाव न डालें. जब तक आप सहज हों तब तक ही इस स्थिति में रहें. यदि आप कंधे, गर्दन, पीठ में दर्द का अनुभव करते हैं, तो कोई भी आसन को करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.