अमित पांडेय, खैरागढ़। ठेकेदार अनिमेष सिंह और छबील दद्दू तिवारी की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने खैरागढ़ नगरपालिका को जमकर फटकार लगाई. हाई कोर्ट ने कहा कि आपके घर की खेती नहीं है. आप अपनी नहीं चला रहे हैं कि जिसको चाहे देंगे और जिसको चाहेंगे नहीं देंगे. उच्च न्यायालय ने 4 सितंबर तक सभी ठेकेदारों को फ़ार्म जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसे भी पढ़ें : भिलाई-3 कॉलेज के हिन्दी प्रोफेसर को मारने दी सुपारी!, रीवा से धरे गए तीन आरोपी, मुख्य सरगना की तलाश जारी…
पूरा मामला 15वें वित्त के कार्यों का है, जहां नगर पालिका खैरागढ़ में लगभग ढ़ाई करोड़ रुपए की राशि के विभिन्न कार्यों की निविदा निकाली गई थी, जिसकी आखिरी तारीख़ 13 अगस्त थी. पालिका के अधिकारी अपने चहेते ठेकेदारों को ही निविदा फ़ार्म दिए, जिसकी शिकायत ठेकेदारों ने कलेक्टर समेत प्रभारी मंत्री से भी की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर ठेकेदारों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
निविदा फार्म वितरण के अनियमितता को लेकर ठेकेदारों ने सीएमओ प्रमोद शुक्ला, और उप अभियंता दीपाली मिश्रा तंबोली पर कारवाई की मांग करते हुए कहा कि दोनों अधिकारियों ने निविदा की खुली बिक्री करने की जगह भाजपा से जुड़े ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने की नीयत से निर्धारित समय तक किसी को निविदा फार्म नहीं दिया और ना ही रसीद काटी. लेकिन देर रात प्रभारी कर्मचारी को घर बुलाकर रसीद काटी गई.
पूरे मामले को लेकर शिकायतकर्ता अनिमेष सिंह ने बताया कि खैरागढ़ में निविदा फ़ार्म को लेकर बहुत ड्रामा हुआ था, जिसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर से की थी. लेकिन उन्हें वहाँ से न्याय नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय से न्याय की गुहार लगायी थी.
उच्च न्यायालय ने नगरपालिका खैरागढ़ फटकार लगाते हुए कहा कि पालिका के वकील कोर्ट में खड़े होकर झूठ बोल रहे हैं कि हम फ़ार्म लेने ही नहीं गए, जबकि 13 तारीख़ को हम रात 8 बजे तक नगरपालिका में फ़ार्म लेने खड़े रहे, लेकिन सीएमओ प्रमोद शुक्ला ने हमें फ़ार्म नहीं दिया. अब कोर्ट ने हमें 4 सितंबर तक फार्म देने के लिए निर्देशित किया है.
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