शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर में हुई उठाईगिरी की घटना का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि जिस उठाईगिरी की शिकायत की गई थी, वह पूरी तरह से फर्जी निकली और मामले में शामिल कारोबारी ने खुद ही साजिश रचकर ऐसा नाटक किया था ताकि वह उधारी की रकम चुकाने से बच सके। यह पूरा मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, महासमुंद निवासी भावेश चंद चांडक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि सोमवार शाम वह अपने दोस्त पंकज राठी के साथ डुमरतराई थोक बाजार में पेमेंट करने जा रहा था। रास्ते में दोनों रिंग रोड-1 स्थित सीजी 04 ढाबा में खाना खाने के लिए रुके। इसी दौरान कारोबारी के मोबाइल में कार अनलॉक होने का नोटिफिकेशन आया। जब वह दौड़कर कार के पास पहुंचा, तो पीछे की सीट पर रखा नगदी से भरा बैग गायब था।

जिसके बाद उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज की जांच की, लेकिन किसी भी संदिग्ध को नजर नहीं आने से पुलिस को घटना पर संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने भावेश से सख्त पूछताछ की, जिसमें उसने कबूल किया कि वह अपने दोस्त पंकज राठी के साथ मिलकर उठाईगिरी का फर्जी नाटक रचा था ताकि वह उधारी की रकम लौटाने से बच सके। फिलहाल, मामले में पुलिस ने पंकज राठी के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है।