कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर के चिड़ियाघर में आज जश्न जैसा माहौल नजर आया। आज यहां शेर के तीन नन्हे शावकों को पहली बार पिंजरे से बड़े बाड़े में लाया गया। महीने भर पहले जन्मे इन तीनों शावकों की पहली झलक पाने के लिए आज चिड़ियाघर में सैलानियों का हुजूम उमड़ा। डॉक्टरों ने विधिवत चेकअप के बाद तीनों शावकों को बाड़े में रिलीज किया। बता दें कि ग्वालियर के चिड़ियाघर में शेरनी परी ने 31 अक्टूबर की रात तीन शावकों को जन्म दिया था।
चिड़ियाघर में रहने वाली शेरनी परी के तीन शावकों को आज पहली बार पिंजरे से खुले बाड़े में लाया गया। जन्म के बाद से ही ये शावक पिंजरे के अंदर आइसोलेशन में थे। महीने भर तक डॉक्टरों की निगरानी के बाद आज इन तीनों शावकों को पिंजरे से खुले बाड़े में लाया गया। पहली बार खुली दुनियां के सामने आए इन शावकों को देखने के लिए चिड़ियाघर में सैलानियों का हुजूम उमड़ा था। नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल की मौजूदगी में इन शावकों को बाड़े में छोड़ा गया।
कमिश्नर का कहना है कि दो शावक फीमेल और एक शावक मेल है। तीनों को आज से बाड़े में छोड़ा जा रहा है। अब ग्वालियर के चिड़ियाघर में शेरों की तादाद बढ़कर 8 हो गई है। आने वाले समय में इन तीनों शावकों के नाम रखने की प्रक्रिया होगी जिसमें शहर के बच्चों से इनके लिए नाम मंगवाए जाएंगे। वहीं सर्दी को देखते हुए इन्हें विशेष निगरानी में रखा जाएगा। दोपहर 2 बजे के बाद इन्हें बाड़े में लाया जाएगा, जिन्हें शाम होते है पिंजड़े में वापस कर दिया जाएगा।
शेर के शावकों को पहली बार बाड़े में लाने के दौरान सैकड़ों की तादाद में सैलानी चिड़ियाघर पहुंचे। मध्यप्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के भी सैलानी और बच्चे इन शावकों के पहले दीदार के लिए ग्वालियर के चिड़ियाघर में पहुंचे थे। जैसे ही शावक पिंजरे से निकलकर खुले बाड़े में आए तो यहां मौजूद नगर निगम के अधिकारी, सैलानी सहित बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। शेरनी परी के पीछे उनके तीनों शावक पिंजरे से बाहर बाड़े में आए। बाड़े में आने के साथ ही इन तीनों शावकों ने पूरे इलाके में उछल कूद शुरू कर दी। अन्य राज्यों से आए बच्चों का कहना है कि उन्हें आज चिड़ियाघर में आकर इन शावकों का पहला दीदार करने का मौका मिला है। यह उनके लिए बड़ी खुशी की बात है।
बता दें ग्वालियर के चिड़ियाघर में सफेद शेरनी परी ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। शेरनी परी और नर शेर जय की जोड़ी ने तीन शावकों को जन्म दिया है। परी को 2012 में बिलासपुर के कानन पेंडारी जू से ग्वालियर लाया गया था। वहीं नर शेर जय को रायपुर के नंदनवन चिड़ियाघर से ग्वालियर लाया गया था। आज से नन्हे शावकों का दीदार रोजाना चिड़ियाघर में आने वाले सैलानी कर पाएंगे। आने वाले महीने में इन शावकों का नामकरण भी किया जाएगा।
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