CJI Sanjiv Khanna Retirement Today: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना आज सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) हो रहे हैं। सेवानिवृत्तति के साथ ही चीफ जस्टिस संजीव खन्ना का 6 महीने का ऐतिहासिक कार्यकाल का समापन हो जाएगा।

रूंह कंपा देने वाला गैंगरेपः 13 साल की लड़की से 6 नाबालिग समेत 12 लोगों ने कई बार किया बलात्कार, पीड़ित बच्ची की शिकायत पर भी मां चुप रही, गर्भवती हुई तो…?

11 नवंबर, 2024 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बने खन्ना का कार्यकाल भी मात्र 6 महीना ही रहा, लेकिन उन्होंने इसे अपने ठोस निर्णयों से प्रभावशाली और यादगार बना दिया। यह निर्णय उन्होंने न्यायिक और प्रशासनिक दोनों स्तर पर लिए। आइए देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के ऐतिहासिक फैसलों पर एक नजर डालते हैंः-

‘PM मोदी इज्जत बचाने की कोशिश कर रहे,’ PAK रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बोले- हमने भारत को शिकस्त दी, हमारे साथ कई दोस्त थे, उनके साथ कोई नहीं था

वक्फ एक्ट विवाद पर विराम

वक्फ संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध पर भी चीफ जस्टिस खन्ना के एक कदम ने विराम लगा दिया। उन्होंने कानून की कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाने की मंशा जाहिर की। इसके बाद केंद्र सरकार ने खुद ही कह दिया कि फिलहाल किसी भी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। साथ ही, वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल में अभी कोई नई नियुक्ति नहीं होगी।

Air India: भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बीच एअर इंडिया और इंडिगो का बड़ा फैसला, चंडीगढ़-जोधपुर और राजकोट समेत कई शहरों की फ्लाइट कैंसिल

धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों पर रोक

जस्टिस खन्ना ने अपने न्यायिक फैसलों और आदेशों के जरिए भी गहरी छाप छोड़ी। पुराने मंदिरों पर दावे के लिए देश भर में दाखिल हो रहे मुकदमों पर उन्होंने रोक लगा दी। उन्होंने साफ कर दिया कि 1991 के प्लेसेस आफ वरशिप एक्ट की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक न तो नए मुकदमे दायर हो सकते हैं,  न ही पहले दायर हो चुके मुकदमों में कोई अदालत प्रभावी आदेश दे सकती है।

India-Pakistan ceasefire: जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में हालात सामान्य, बाजार-स्कूल खुले, कल रात सांबा-बाड़मेर में दिखे थे ड्रोन, सेना बोली- फिलहाल पूरी तरह से शांति

संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया

इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को संपत्ति का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करने पर सहमत किया। 1 अप्रैल 2025 को उनकी अध्यक्षता में हुई फुल कोर्ट बैठक में इस प्रस्ताव को पारित किया गया। खास बात यह है कि इस प्रस्ताव के चलते भविष्य में भी सुप्रीम कोर्ट के जज अपनी संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करते रहेंगे।

भारत-पाक लड़ाई पर प्रेस ब्रीफिंग के वक्त DGMO राजीव घई अचानक करने लगे विराट कोहली और क्रिकेट का जिक्र, जानें इसके पीछे का कारण

कैशकांड में कठोर फैसला

पहले उनके प्रशासनिक फैसलों की ही बात कर लेते हैं. दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जले हुए कैश की बरामदगी के मामले में उन्होंने बेहद सख्त और पारदर्शी रवैया अपनाया। उन्होंने मामले से जुड़े सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिए. 3 जजों की कमिटी बना कर जांच करवाई। जब रिपोर्ट में वर्मा पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई तो उनसे पद छोड़ने को कहा। वर्मा के इनकार के बाद रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दी ताकि संसद में महाभियोग के जरिए उन्हें पद से हटाया जा सके।

BJP Tiranga Yatra: बीजेपी आज से देशभर में निकालेगी ‘तिरंगा यात्रा’, 10 दिन के इस अभियान में बताएगी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की उपलब्धियां

कॉलेजियम सिफारिशों को सामने रखा

जजों की नियुक्ति में भेदभाव और भाई-भतीजावाद के आरोपों का भी चीफ जस्टिस खन्ना ने बिना कुछ कहे जवाब दिया। उन्होंने पिछले 3 वर्षों में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की तरफ से केंद्र सरकार को भेजी गई सिफारिशों को सार्वजनिक कर दिया. इसमें यह जानकारी भी दी गई कि इन लोगों में से अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला उम्मीदवारों की संख्या क्या थी। साथ ही यह भी साफ किया गया कि कि इनमें से कितने लोग किसी जज के रिश्तेदार हैं।

Operation Sindoor Video: आसमान से बरसते गोले, तबाह और मलबे में तब्दील होते आतंकी संगठन, देखें भारत ने पाकिस्तान में कैसे की Air Strike

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m