रायपुर। दीपावली के 15 दिनों बाद देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुर नाम के राक्षस का अंत किया था. भगवान शिव के विजयोत्सव को मनाने और अत्याचारी राक्षस के वध की खुशी में देवता गण पृथ्वी पर आए थे और दीवाली मनाई थी. इसलिए इस दिन देवता अपनी प्रसन्नता को दर्शाने के लिए गंगा घाट पर आकर दीपक जलाते हैं. माना जाता है कि जो लोग इस दिन पूरब की तरफ मुंह करके दीये दान करते हैं, उनपर ईश्वर की कृपा होती है. इस दिन दीये दान करने वालों को ईश्वर लंबी आयु का वरदान देते हैं. साथ ही घर में सुख शांति का माहौल बना रहता है.
देव दीपावली 2019 शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – शाम 5 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 48 मिनट तक पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शाम 6 बजकर 2 मिनट से (11 नवंबर 2019) पूर्णिमा तिथि समाप्त – अगले दिन शाम 7 बजकर 4 मिनट तक (12 नवंबर 2019)
पूजा विधि…
देव दीपावली के दिन सूर्योदय पूर्व उठकर गंगा स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के मौके पर गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
शाम के समय भगवान शिव को फूल, घी, नैवेद्य और बेलपत्र अर्पित करें.इसके बाद इन मंत्रों का जाप करें-
‘ऊं नम: शिवाय‘,
‘ॐ हौं जूं सः, ॐ भूर्भुवः स्वः
ॐ त्र्यम्बेकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धूनान् मृत्योवर्मुक्षीय मामृतात्,
ॐ स्वः भुवः भूः, ॐ सः जूं हौं ॐ
अब भगवान विष्णु को पीले फूल, नैवेद्य, पीले वस्त्र और पीली मिठाई अर्पित करें.
अब इन मंत्रों का जाप करें-
ऊं नमो नारायण नम:
नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे।
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युगधारिणे नम: ।।
देव दिवाली का पौराणिक महत्व…
मान्यताओं के अनुसार इस दिन शंकर भगवान ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था. इसी खुशी में देवाओं ने इस दिन स्वर्ग लोक में दीपक जलाकर जश्न मनाया था. इसके बाद से हर साल इस दिन को देव दिवाली के रुप में मनाया जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है.
इस त्योहार को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन देवता पृथ्वी पर आते हैं. इस माह में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्वों को प्रमाणित किया है. जिस वजह से कार्तिक पूर्णिमा के पूरे महीने को काफी पवित्र माना जाता है.