डबल सेंचुरी लगाकर रचा था इतिहास
जब वेस्टइंडीज टीम इतनी शानदार फॉर्म में थी और अपने घरेलू मैदान पर खेल रही थी तब टीम इंडिया से जीत की उम्मीद करना अंधेरे में तीर मारने जैसा थी. फिर 6 मार्च 1971 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच हुआ. टॉस हारने के बाद टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 36 रन पर तीन विकेट गवां दिए थे. अब बल्लेबाजी करने दिलीप सरदेसाई मैदान पर उतरे. एक छोर को सरदेसाई संभाले हुए थे, लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते जा रहे थे. 75 रन पर टीम इंडिया के पांच विकेट गिर चुके थे, लेकिन सरदेसाई हार मानने वाले नहीं थे.
चारों तरफ शानदार शॉर्ट्स खेलते हुए सरदेसाई ने सबको हैरान कर दिया था. छठें विकेट के लिए सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के बीच 137 रन की साझेदारी हुई. सिर्फ इतना ही नहीं नौवें विकेट के लिए सरदेसाई और इरापल्ली प्रसन्ना के बीच में 122 रन की साझेदारी हुई थी. इस मैच में सरदेसाई ने शानदार खेलते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए.
वेस्टइंडीज में डबल सेंचुरी जड़ने वाले पहले भारतीय
यह पहली बार था जब टीम इंडिया की तरफ से किसी खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ठोंका था. इस टेस्ट मैच को टीम इंडिया ड्रॉ कराने में कामयाब हुई थी और वेस्टइंडीज में पहली डबल सेंचुरी जड़ने वाले दिलीप सरदेसाई पहले भारतीय थे. सीरीज के आखिरी यानी पांचवें टेस्ट में सुनील गावस्कर ने 220 रन बनाए थे.
बॉम्बे अस्पताल में हुआ था निधन
दिलीप सरदेसाई की शादी समाजशास्त्री नंदिनी से हुई. वे भारतीय सेंसर बोर्ड की सदस्य हैं. उनके बेटे राजदीप सरदेसाई देश के बड़े पत्रकारों में से एक हैं. दिलीप की बेटी शोनाली वॉशिंगटन स्थित विश्व बैंक में वरिष्ठ सामाजिक विज्ञानी हैं. दो जुलाई, 2007 को दिलीप सरदेसाई का बॉम्बे अस्पताल में निधन हो गया था.