सावन का अधिक मास 16 अगस्त, बुधवार को समाप्त हो जाएगा. ये तिथि तीन साल में एक बार आती है, इसलिए इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है. अधिकमास हर तीसरे साल आता है. लेकिन सावन में अब अधिकमास 19 साल बाद यानि सन 2042 में आएगा. इसलिए ये तिथि बहुत ही खास है. इस दिन की गई पूजा, उपाय, दान आदि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है. आगे जानिए इस दिन कौन-से काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है.
सुख-समृद्धि के लिए उपाय
अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं. अधिक मास की अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए. इससे सभी परेशानी दूर हो सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. भगवान विष्णु को पीले फूल और पीले वस्त्र जरूर चढ़ाएं.
धन लाभ के लिए उपाय
अगर आप धन की इच्छा रखते हैं तो भी अधिक मास की अमावस्या इसके लिए श्रेष्ठ तिथि है. इस दिन शाम को महालक्ष्मी की पूजा करें और हल्दी की 7 साबूत गांठ चढ़ाएं. हल्दी की इन गांठों को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या गल्ले में रख दें. इससे धन लाभ का योग बन सकता है.
पितृ दोष की शांति के लिए उपाय
कुंडली में पितृ दोष है तो अधिक मास की अमावस्या इसे दूर करने के लिए बहुत ही शुभ तिथि है. इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध-तर्पण आदि करें, जरूरतमंदों को दान करें, गाय को चारा खिलाएं. इससे आपका ये दोष दूर हो सकता है.
उन्नति के लिए उपाय
अगर आपकी प्रोफेशनल लाइफ में ग्रोथ रुकी हुई है तो अमावस्या तिथि पर शिवजी की पूजा करें. शिवजी धतूरा, भांग, आंकड़ा आदि चीजें चढ़ाएं और खीर का भोग लगाएं. इससे आपकी प्रोफेशनल लाइफ की परेशानी दूर हो सकती है.
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