मुंबई. कभी आपने सोचा भी है कि टायलेट के पानी का भी कोई इस्तेमाल हो सकता है. अभी तक तो शायद ही किसी ने सोचा होगा. हम तो सिर्फ टायलेट जाते हैं औऱ ‘धोकर’ चले आते हैं लेकिन हुजूर टायलेट का पानी कितने काम का है. इसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे.

जिस टायलेट के पानी को हम गंदा समझते हैं. उसी से नागपुर की एक एजेंसी 50 एसी बसें चला रही है. दरअसल वैकल्पिक ईंधन के तौर पर टायलेट के पानी से बायो सीएनजी निकालकर उससे नागपुर शहर में 50 एयर कंडीशंड बसें चलाई जा रही हैं. ये प्रयोग नागपुर शहर में शुरु किया गया और बेहद सक्सेजफुल होने के बाद इसे देश के दूसरे शहरों में भी शुरु करने की योजना बनाई जा रही है.

सरकार की योजना अब करीब दो दर्जन नए शहरों में पानी की गंदगी से निकलने वाली मीथेन गैस से बायो-सीएऩजी तैयार करने की है. इस बायो-सीएनजी से इन शहरों में बसों को चलाने की योजना है. जिससे न सिर्फ रोजगार के नए मौके पैदा होंगे बल्कि साफ सुथरा वातावरण भी लोगों को मिल सकेगा.

सरकार देश में वैकल्पिक ईंधन को लेकर कई सारे प्रयोगों को करने में जुटी है ताकि तेल पर निर्भरता खत्म की जा सके और स्वस्थ वातावरण बनाया जा सके. तो, अब आप ये मत सोचिएगा कि गंदगी से कुछ भी नहीं हो सकता है. अगली बार जब भी टायलेट जाएं तो अच्छे से अपने काम-धाम निबटा के आएं क्योंकि ये टायलेट का पानी बेहद काम का है. क्या पता आपके इस्तेमाल किए पानी से कौन सी बस चला दी जाय.