टोक्यो। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार पदक की दौड़ में शामिल महिला हॉकी टीम ग्रेट ब्रिटेन से संघर्षपूर्ण मैच में 3-4 से हार गई. इसके साथ ही कांस्य पदक जीतने का सपना टूट गया.
पहली बार ओलंपिक में पदक के लिए खेल रही भारतीय महिला हॉकी टीम का मुकाबला रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक की विजेता ग्रेट ब्रिटेन के साथ कांस्य पदक के लिए हुआ. मैच में भारतीय महिलाओं ने अपना जी-जान लगाते हुए हॉफ टाइम तक 3-2 से आगे हो गई थीं. लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने भी दूसरे हॉफ में अपना पूरा दमखम लगाते हुए दो गोलकर कर न केवल अंतर की भरपाई कर ली बल्कि पदक पर भी कब्जा कर लिया.
भारत ने अपने तीन गोल महज पांच मिनट के अंतराल में किए, जिसमें गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट और वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल को ग्रेट ब्रिटेन को चकित कर दिया. लेकिन ब्रिटेन ने भी मैच में जोरदार वापसी कर जीत हासिल की. ब्रिटेन की ओर से इलिना रेयर ने 16वें मिनट, साराह रियोबर्टसन ने 24वें मिनट, कप्तान होली प्रेर्ने वेन ने 35वें मिन और ग्रेस बॉल्डसन ने 48वें मिनट में गोल किया.
हालांकि, इसके पहले भारत की महिलाएं मास्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रहीं थी, लेकिन तब कोई सेमीफाइनल नहीं खेला गया था. केवल छह टीमों में हिस्सा लिया था, जिसमें से टॉप की दो टीमों के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया था.